तमिल नाडु के इस इंजीनियर ने ढूंढा चंद्रयान 2 का लैंडर विक्रम, NASA ने बताया
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम का मलबा चाँद पर मिल गया है। इसकी सूचना अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ट्वीट कर दी। नासा ने बताया कि उनके लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर (LRO) की टीम ने चांद की सतह पर विक्रम लैंडर का मलबा तलाशा। इसके साथ ही उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय चेन्नई के एक मैकेनिकल इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यन को दिया है।
@NASA has credited me for finding Vikram Lander on Moon's surface#VikramLander #Chandrayaan2@timesofindia @TimesNow @NDTV pic.twitter.com/2LLWq5UFq9
— Shan (Shanmuga Subramanian) (@Ramanean) December 2, 2019
नासा ने अपने बयान में कहा, ’26 सितंबर को क्रैश साइट की एक तस्वीर जारी की गई थी और विक्रम लैंडर के सिग्नल्स की खोज करने के लिए लोगों को बुलाया गया था।’ नासा ने आगे बताया, ‘चेन्नई के 33 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यन ही पहले वो शख्स हैं, जिन्होंने मलबे की पहचान की।’ नासा ने आगे कहा, ‘शनमुगा सुब्रमण्यन ने ही हमारे LRO प्रोजेक्ट से संपर्क किया। उन्होंने मुख्य क्रैश साइट के उत्तर-पश्चिम में लगभग 750 मीटर की दूरी पर स्थित मलबे की पहचान की थी। यह पहले मोजेक (1.3 मीटर पिक्सल, 84 डिग्री घटना कोण) में एक एकल उज्ज्वल पिक्सल पहचान थी।’
If this not Vikram's Lander then what is this? Is it an Alien Ob ject? (From NASA's LRO Image)@LRO_NASA @NASA @NASAJPL #Chandrayaan2Landing #Chandrayaan2 #VikramLander #vikramlanderfound pic.twitter.com/Jp3TIiNxyw
— Shan (Shanmuga Subramanian) (@Ramanean) September 28, 2019
नासा की नाकामी ने दी उम्मीद
विक्रम के मलबे को ढूंढने वाले शानमुगा सुब्रमण्यन ने बताया, ‘नासा ने 14 -15 अक्टूबर और 11 नवंबर को 2 तस्वीरें जारी की थीं। मैं अपने दोनों लैपटॉप पर 2 तस्वीरों की साइड-बाई-साइड तुलना कर रहा था। एक तरफ विक्रम लैंडर की पुरानी तस्वीर थी, दूसरी ओर नई फोटो थी, जो नासा ने जारी की थी। मुझे ट्विटर और रेडिट यूजर्स से काफी मदद मिली। उन्होंने कहा, ‘ये बहुत कठिन था लेकिन मैं कोशिश करता रहा। नतीजे पर पहुंचने के बाद मैंने 3 अक्टूबर को ट्विटर पर इसका ऐलान किया।’
@NASA @LRO_NASA @isro
This might be Vikram lander's crash site (Lat:-70.8552 Lon:21.71233 ) & the ejecta that was thrown out of it might have landed over here https://t.co/8uKZv7oXQa (The one on the left side was taken on July 16th & one on the right side was from Sept 17) pic.twitter.com/WNKOUy2mg1— Shan (Shanmuga Subramanian) (@Ramanean) November 17, 2019
उन्होंने बताया कि जानकारी को सार्वजनिक करने से पहले नासा 100 फीसदी आश्वस्त होना चाहता था। इसलिए ये जानकारी देने से पहले इंतजार किया गया। इस दौरान नासा ने खुद फैक्ट चेकिंग की। पूरी तरह से आशवस्त होने के बाद 3 दिसंबर को नासा ने ट्वीट करके विक्रम लैंडर का मलबा मिलने की जानकारी दी। साथ ही शनमुगा सुब्रमण्यन को इसका क्रेडिट भी दिया। शनमुगा सुब्रमण्यन का कहना है कि नासा द्वारा अपने दम पर लैंडर को खोजने में असमर्थता ने ही उनकी रुचि जगा दी। उन्होंने कहा, ‘मैंने विक्रम लैंडर को ढूंढने के लिए कड़ी मेहनत की। मैं बेहद खुश हूं। मेरी हमेशा से स्पेस साइंस में दिलचस्पी रही है। मैं कभी भी किसी उपग्रह के लॉन्च को मिस नहीं करता हूं।’
#Chandrayaan2Found Almost confirmed
See the images from LRO – https://t.co/Bv6OrAWA0q (See the comparison of old and new images)https://t.co/IjHE64vFVZ@isro @SPACEdotcom @SpaceFrontier @ESA_History @esa @esaoperations @ESA_EO
— Shan (Shanmuga Subramanian) (@Ramanean) September 27, 2019
चाँद की मिटटी में मिला विक्रम का मलबा
गौरतलब है कि नासा ने 2 और 3 दिसंबर की दरम्यानी रात को करीब 1:30 बजे चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के इम्पैक्ट साइट की तस्वीर जारी की। नासा ने बताया कि चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा क्रैश साइट से 750 मीटर दूर तीन टुकड़ों में मिला है। ये टुकड़े 2×2 पिक्सेल के हैं। इसके बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने नासा ने विक्रम लैंडर के मलबे से जुड़ी डिटेल जानकारी मांगी है। नासा जल्द ही इससे जुड़ी रिपोर्ट सौंपेगा।
The #Chandrayaan2 Vikram lander has been found by our @NASAMoon mission, the Lunar Reconnaissance Orbiter. See the first mosaic of the impact site https://t.co/GA3JspCNuh pic.twitter.com/jaW5a63sAf
— NASA (@NASA) December 2, 2019
बता दें कि इससे पहले भी इसरो और नासा ने विक्रम लैंडर को ढूंढने की कई कोशिशे की थी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने विक्रम के बारे में सूचना देने की उम्मीद जताई थी, क्योंकि उसका लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर (एलआरओ) उसी स्थान के ऊपर से गुजरने वाला था, जिस स्थान पर भारतीय लैंडर विक्रम के गिरने की संभावना जताई गई थी। नासा ने इससे पहले कहा था कि उसका एलआरओ 17 सितंबर को विक्रम की लैंडिंग साइट से गुजरा था और उस क्षेत्र की हाई रिजोल्यूशन तस्वीरें पाई थीं। हालाँकि किसी में भी विक्रम का ठीक तरह से पता नहीं चल पाया था।