खिलौने के बाजार में भारत की हो बड़ी हिस्सेदारी, कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर के रूप में हो रहे हैं विकसित : पीएम मोदी

 

आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में देश को संबोधित किया है। उन्होंने मन की बात में कोरोना काल में भारत में किस तरीके से विकास बढ़ाया गया है और इसमें किसानों की क्या भूमिका रहेगी, और भी कई बातें उन्होंने इसमें कहीं है। पीएम मोदी ने कहा है कि हर तरह के उत्सवों में लोग संयम बरत रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाएंगे। समय के साथ शिक्षकों के सामने भी चुनौती है।शिक्षकों ने चुनौती को स्वीकार किया है। शिक्षक और छात्र मिलकर नया कर रहे हैं। नई शिक्षा नीति के जरिये इसमें अहम भूमिका निभाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि भारतीयों के इनोवेशन और सॉल्यूशन देने की क्षमता का लोहा हर कोई मानता है और जब समर्पण भाव हो, संवेदना हो तो ये शक्ति असीम बन जाती है। हमारे यहां के बच्चे, हमारे विद्यार्थी, अपनी पूरी क्षमता दिखा पाएं, अपना सामर्थ्य दिखा पाएं, इसमें बहुत बड़ी भूमिका पोषण की भी होती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैसे मैं मन की बात सुन रहे बच्चों के माता-पिता से क्षमा मांगता हूं क्योंकि हो सकता है, उन्हें अब ये मन की बात कार्यक्रम सुनने के बाद खिलौनों की नई-नई डिमांड सुनने का शायद एक नया काम सामने आ जाएगा। खिलौने जहां एक्टिविटी को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं। खिलौने केवल मन ही नहीं बहलाते, खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ते भी हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में लोकल खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है। कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं। भारत के कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर यानी खिलौनों के केंद्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं। पीएम ने बताया कि ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री 7 लाख करोड़ से भी अधिक की है। 7 लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है। जिस राष्ट्र के पास इतने विरासत हो, परंपरा हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी चाहिए।

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