नागरिकता बिल पर हस्तक्षेप के लिए विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी संस्थाओं को लगाई फटकार
नागरिकता संशोधन बिल पर विपक्ष के साथ साथ अमेरिका की कई संस्थाओं ने भी इसका विरोध किया है | वहीँ अब भारत ने नागरिता संशोधन विधेयक को लेकर अमेरिका की कुछ संस्थाओं की तरफ से आई टिप्पणियों को गलत करार दिया है | अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की तरफ नए नागरिकता अधिनियम की आलोचना करते हुए आए बयान को भारत ने USCIRF के भारत के प्रति पुराने दुराग्रह का नतीजा करार दिया |
We regret the inaccurate and unwarranted comments made by USCIRF on #CAB. They have chosen to be guided by their prejudices and biases on a matter on which they have little knowledge and no locus standi.
Read our full statement below ⬇️ pic.twitter.com/BLajy03MtZ
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) December 10, 2019
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि नया नागरिकता संशोधन विधेयक उन लोगों को भारत की नागरिकता हासिल करने का अधिकार देता है जो धार्मिक रूप से प्रताड़ित होकर आए हैं और बीते काफी समय से देश में रह रहे हैं | जो लोग धार्मिक स्वतंत्रता की बात करते हैं उन्हें इस तरह के प्रावधानों का स्वागत और समर्थन करना चाहिए |
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि नया नागरिकता संशोधन विधेयक न तो मौजूदा नागरिकों की नागरिकता खत्म करता है और न ही किसी भी धर्म मतावलंबी के लिए नागरिकता हासिल करने के दरवाजे बंद करता है| रवीश कुमार ने कहा कि अमेरिका समेत सभी देश अपनी-अपनी नीतियों के आधार पर ही नागरिकता देने और न देने का फैसला करते हैं |