India स्टैनफोर्ड के ग्लोबल ए.आई. पावर लिस्ट में चौथे स्थान पर
India स्टैनफोर्ड इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन-सेंटरड ए.आई. (HAI) ने 2024 के ग्लोबल ए.आई. पावर लिस्ट के परिणाम जारी किए हैं। यह रिपोर्ट दुनिया के विभिन्न देशों के ए.आई. इकोसिस्टम का आकलन करती है
India स्टैनफोर्ड इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन-सेंटरड ए.आई. (HAI) ने 2024 के ग्लोबल ए.आई. पावर लिस्ट के परिणाम जारी किए हैं। यह रिपोर्ट दुनिया के विभिन्न देशों के ए.आई. इकोसिस्टम का आकलन करती है, जो अनुसंधान पत्रों, निजी निवेश, पेटेंट और अन्य प्रमुख संकेतकों के आधार पर तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में 36 देशों का डेटा विश्लेषण किया गया है, और यह पाया गया कि संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) ने ए.आई. के कई प्रमुख क्षेत्रों में अपना दबदबा बनाए रखा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका का दबदबा
India स्टैनफोर्ड के अध्ययन में यह सामने आया कि अमेरिका ने ए.आई. के क्षेत्र में सबसे अधिक उल्लेखनीय मशीन लर्निंग मॉडल पेश किए हैं, सबसे अधिक निजी निवेश प्राप्त किया है, और जिम्मेदार ए.आई. पर सबसे ज्यादा शोध प्रकाशित किया है। इसके अलावा, अमेरिका में ए.आई. के लिए सबसे मजबूत और विविध बुनियादी ढांचे और शोध तंत्र हैं, जो इसे वैश्विक ए.आई. शक्ति के रूप में स्थापित करता है।
चीन: दूसरे स्थान पर
संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद चीन ए.आई. विकास में दूसरे स्थान पर है। चीन ने अपनी सरकारी योजनाओं और भारी निवेश के साथ ए.आई. क्षेत्र में तेज़ी से वृद्धि की है, खासकर मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स और ए.आई. द्वारा संचालित उद्योगों में। चीन की रणनीतिक योजनाएं और सरकार का समर्थन इसे वैश्विक ए.आई. परिदृश्य में महत्वपूर्ण स्थान दिलाता है।
यूनाइटेड किंगडम और भारत
रिपोर्ट के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम ने तीसरे स्थान पर जगह बनाई है। ब्रिटेन ने शोध, नवाचार और ए.आई. नीति के क्षेत्र में प्रमुख योगदान दिया है, और ए.आई. कंपनियों और शोधकर्ताओं के लिए एक आकर्षक केंद्र बना है।
भारत को चौथे स्थान पर रखा गया है, जो ए.आई. के क्षेत्र में तेजी से उभरते हुए वैश्विक खिलाड़ी के रूप में सामने आया है। भारत ने खासकर ए.आई. अनुसंधान, शिक्षा, और निजी निवेश के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। भारत में ए.आई. कंपनियों और स्टार्टअप्स का तेजी से बढ़ता हुआ इकोसिस्टम है, साथ ही साथ सरकार की “आत्मनिर्भर भारत” योजना में ए.आई. की महत्वपूर्ण भूमिका है।
India का ए.आई. इकोसिस्टम
India के ए.आई. इकोसिस्टम की वृद्धि के कई कारण हैं। भारतीय शोधकर्ता और छात्र लगातार ए.आई. में नवाचार कर रहे हैं, और देश में ए.आई. पर काम करने वाले स्टार्टअप्स की संख्या में इज़ाफा हो रहा है। इसके अलावा, भारत ने अपनी डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार किया है, जैसे कि डिजिटल इंडिया और भारतनेट जैसी योजनाओं के माध्यम से, जो ए.आई. के विकास को बढ़ावा देती हैं।
सरकार की तरफ से भी ए.आई. को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जैसे “नेशनल ए.आई. नीति” का मसौदा, जो ए.आई. के विकास और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए मार्गदर्शन करती है। इसके अतिरिक्त, भारत में विभिन्न राज्य सरकारें ए.आई. को अपनी योजनाओं और पहलों में शामिल कर रही हैं, जो इस क्षेत्र के विकास को गति प्रदान करती हैं।
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India का चौथे स्थान पर आना ए.आई. के क्षेत्र में उसकी बढ़ती ताकत को दर्शाता है। हालांकि अमेरिका और चीन अभी भी इस क्षेत्र में अग्रणी हैं, लेकिन भारत का ए.आई. इकोसिस्टम लगातार विकास कर रहा है और भविष्य में वैश्विक ए.आई. नेतृत्व में और महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्टैनफोर्ड की रिपोर्ट में भारत की स्थिति इसे वैश्विक स्तर पर ए.आई. के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक के रूप में स्थापित करती है, और यह देश के लिए एक सकारात्मक संकेत है।