पूर्व सेनाध्यक्ष और मंत्री वीके सिंह ने बताया कि 15 जून को आखिर गलवान घाटी में क्या हुआ था ! बोले रहस्यमई आग से हुई थी शुरुआत
भारत और चीन के बीच झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से ही पूरे भारत में इसको लेकर आक्रोश है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने चीन को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। वीके सिंह ने बताया कि कैसे गलवान घाटी में झड़प हुई। 15 जून का वह दिन जब भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे उस रात को आखिर क्या हुआ था। वीके सिंह ने कहा कि यह 1962 का भारत नहीं है मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व हर विकल्प के लिए तैयार है। वीके सिंह ने 15 जून को गजबान घाटी में जो हुआ उसका पर्दाफाश किया है।
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहां थी चीन की हमेशा से खासियत रही है कि वह अपने क्लेम लाइन को आगे बढ़ा चढ़ाकर बताता है। उनके प्रधानमंत्री ने 1959 के हमारे प्रधानमंत्री को जो नक्शा दिया था उस नक्शे पर उन्होंने क्लेम लाइन मार्ग कर रखी थी। नक्शे को जमीन पर उतारेंगे तो कहीं ना कहीं गड़बड़ है जिसका वह फायदा उठाते हैं। वीके सिंह ने इसका बड़ा खुलासा किया है। वीके सिंह का कहना है कि चीनी सैनिकों के तंबू में अचानक लगी आग से हालात बिगड़े और सैनिकों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई। उनके मुताबिक यह कह पाना मुश्किल है कि चीनी सैनिकों ने तंबू में क्या रखा हुआ था जिससे आग लग गई थी।
वीके सिंह का है दवा अब तक के अनुमान से बहुत अलग है कहा जा रहा था कि चीनी सैनिकों के पीछे न हटने पर दोनों ओर के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी हालांकि मंत्री वीके सिंह का कहना कुछ अलग ही है।
विकी सिंह ने कहा कि 15 जून की रात जब कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर पहुंचे तो उन्होंने पाया कि चीन ने वहां से तंबू नहीं हटाए थे। जबकि बातचीत में तय हुआ था कि तंबू को हटा दिया जाएगा। चीन ने तंबू यह देखने के लिए लगाए थे कि भारतीय सेना पीछे गई है या नहीं। उन्होंने बताया कि संतोष बाबू ने चीनी सैनिकों से तंबू हटाने के लिए कहा। चीनी चौहान तंबू हटा रहे थे कि अचानक उसमें आग लग गई। यह साफ नहीं है कि चीनियों ने तंबू में क्या रखा हुआ था इसके बाद ही सैनिकों के बीच पहले बहस हुई जो फिर हिंसक झड़प में बदल गई।
पूर्व सेना अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का कहना है कि झड़प के दौरान चीनी सैनिकों ने अपनी और सैनिकों को बुलाया। इस पर भारत ने भी अपने अतिरिक्त जवानों को बुला लिया। जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई इसमें भारतीय पक्ष के 20 जवान शहीद हो गए। वहीं इस घटना में चीन के भी 43 जवान हताहत हुए। उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों के हताहत होने की संख्या अधिक भी हो सकती है। बता दें कि चीन ने अब तक इस बात को कबूल नहीं किया है।
हालांकि वीके सिंह ने 1 न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि गालवान नदी का 7 से 8 किलोमीटर का इलाका हमारे पास है यहीं पर पेट्रोलिंग पॉइंट 14 स्थित है। उन्होंने बताया कि पेट्रोलिंग पॉइंट 14 का इलाका भारत के पास साल 1962 से मौजूद है। उन्होंने बताया कि विवाद तब शुरू हुआ जब श्योक नदी के साथ-साथ एक सड़क बनाई गई। यह सड़क दौलत बेग ओल्डी तक जाती है। उन्होंने बताया कि पहले यहां तक जाने में 15 दिन लगते थे लेकिन सड़क बनने के बाद यह दूरी 2 दिन में पूरी की जा सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चीनी सैनिकों को यह सड़क नहीं दिखाई दे रही थी इसके बाद चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुस आए और तंबू स्थापित कर दिया। चीनी सैनिकों की इस हरकत पर भारतीय जवानों ने उन्हें रोक दिया।