Dengue : डेंगू के बढ़ते मामलों ने मचाई चिंता: एक महिला टीचर की मौत
Dengue के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। भदैंया विकासखंड के भुसका प्राथमिक स्कूल में तैनात सहायक अध्यापिका कल्पना
उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में Dengue के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। भदैंया विकासखंड के भुसका प्राथमिक स्कूल में तैनात सहायक अध्यापिका कल्पना वर्मा की मंगलवार सुबह Dengue बुखार के कारण मौत हो गई। उनके अलावा, जिले के विभिन्न गांवों से भी Dengue और बुखार के दर्जन भर मरीजों की रिपोर्ट सामने आई है, जिससे हड़कंप मच गया है। इस मामले ने स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों और जागरूकता की कमी को भी उजागर किया है।
महिला टीचर की दुखद मौत
भुसका प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका के रूप में कार्यरत कल्पना वर्मा (उम्र लगभग 35 वर्ष) को शनिवार को बुखार हुआ था। शुरूआत में इसे सामान्य बुखार समझा गया, लेकिन रविवार तक उनकी स्थिति बिगड़ गई और सोमवार को उन्हें सुलतानपुर शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में चिकित्सकों ने डेंगू बुखार की पुष्टि की और उनकी प्लेटलेट्स की संख्या में भारी कमी देखी गई। डॉक्टरों ने उन्हें तत्काल उपचार दिया, लेकिन सोमवार की रात प्लेटलेट्स की कमी के कारण उनकी स्थिति और बिगड़ गई। मंगलवार की सुबह कल्पना वर्मा की मौत हो गई, जिससे परिवार और स्कूल में शोक की लहर फैल गई।
Dengue की पुष्टि और ग्रामीण क्षेत्रों में हड़कंप
कल्पना वर्मा की मौत के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के प्रसार को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। वहीं, जिले के हनुमानगंज फतेपुर, अभियाखुर्द, अभियाकला, और पखरौली गांवों में भी डेंगू और बुखार के कई मरीज पाए गए हैं। इन गांवों से कुल दर्जन भर लोग बुखार और डेंगू से पीड़ित हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग ने गांवों में स्वास्थ्य जांच अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले से ही जलजमाव और साफ सफाई की समस्याओं के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ चुका था। इसके परिणामस्वरूप डेंगू और अन्य मच्छर जनित बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
Dengue के बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
सुलतानपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) ने डेंगू के मामलों में वृद्धि पर चिंता जताई है और इसे तत्काल रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सक्रिय किया है। उन्होंने बताया कि जिले में डेंगू के नियंत्रण के लिए विशेष उपाय किए जा रहे हैं, जैसे कि जलजमाव वाली जगहों पर कीटनाशक छिड़काव, मच्छरदानी का उपयोग और लोगों को डेंगू के लक्षणों के बारे में जागरूक करना।
इसके अलावा, उन्होंने गांवों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करने और मच्छरों के पनपने के कारणों को समाप्त करने के लिए विशेष सफाई अभियान चलाने का निर्देश दिया है। सीएमओ ने यह भी कहा कि जिन क्षेत्रों में डेंगू के मामले ज्यादा आ रहे हैं, वहां मेडिकल टीमें भेजी जा रही हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों का इलाज और जांच की जा सके।
डेंगू के लक्षण और बचाव
Dengue के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, आंखों के पीछे तेज दर्द, त्वचा पर चकत्ते, उल्टी, मिचली, और प्लेटलेट्स की कमी शामिल हैं। यदि किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इसके अलावा, डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों से बचाव की मुख्य उपायों की आवश्यकता है, जैसे मच्छरदानी का इस्तेमाल, पानी जमा न होने देना, और घर और आसपास के इलाके की सफाई रखना।
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सुलतानपुर में डेंगू के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौती को सामने रखा है। महिला टीचर की दुखद मौत और ग्रामीण इलाकों में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या ने इस बीमारी के प्रति गंभीर चेतावनी दी है। स्वास्थ्य विभाग को त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि डेंगू जैसे मच्छर जनित रोगों के प्रसार को रोका जा सके और आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा सकें।