स्वाति और दयाशंकर सिंह के बीच बढ़ा तनाव
कहते हैंराजनीति एक ऐसा छलाव है, जिसे जनता बरसों से देखते आई है। मगर इसे समझ नहीं पाई। जो आम व्यक्ति इसे समझने के लिए इसमें उतरा, वो भी इसी का होकर रह गया। इस राजनीति ने कभी जिगरी दोस्तों को दुश्मन बना दिया, तो कभी जानी दुश्मनों को गले मिलवा दिया। एक समय अंतराल पर चुनाव होते रहते हैं।इस दौरान जनता नेताओं का गठजोड़ और गठतोड़ दोनों देखती है, फिर भी समझ नहीं पाती और कुछ ऐसा ही हुआ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जब एक पति और पत्नी राजनीति के चलते एक दूसरे को तलाक देने के लिए मजबूर हो गए।22 साल पहले प्रेम विवाह कर शादी के बंधन में बंधे उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और सूबे की पूर्व मंत्री स्वाति सिंह के बीच अब तलाक हो गया है। न्यायाधीश देवेंद्र नाथ सिंह ने विवाह को समाप्त करने का फैसला दिया है। इस बीच दयाशंकर सिंह अपने तलाक के पीछे की वजह बताई है। उन्होंने कहा कि स्वाति सिंह की बढ़ी हुई राजनीतिक महत्वाकांक्षा तलाक के पीछे की वजह बनी है।तलाक एकतरफा है। मैंने कभी तलाक की अर्जी नहीं दी।न मैं इस मामले में अदालत गया, लेकिन अब यह हो गया है तो मैं इस मसले पर अपनी तरफ से आगे नहीं बढूंगा।स्वाति सिंह की बढ़ी हुई राजनीतिक महत्वाकांक्षा इसके पीछे की वजह है।आपको बता दें कि दयाशंकर और स्वाति के दो बच्चे हैं। एक बेटा और एक बेटी। दोनों फिलहाल स्वाति सिंह के साथ ही रहते हैं।दयाशंकर सिंह वक्त वक्त पर अपने बच्चों से मुलाकात भी करते हैं।ऐसा कहा जाता है कि 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान स्वाति सिंह को उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें फिर से टिकट देगी।मगर इस बार भाजपा ने उनकी जगह दयाशंकर सिंह को टिकट दिया। फिलहाल दयाशंकर सिंह यूपी सरकार में परिवहन मंत्री हैं। स्वाति सिंह को टिकट नहीं मिलना और उनकी जगह दयाशंकर सिंह को टिकट दिए जाने और उन्हें मंत्री बनाए जाने के बाद एकदम यह साफ हो गया था कि अब दोनों के बीच दूरियां और बढ़ गई हैं।