कोरोना महामारी के कारण वित्तीय घाटे में हुई बढ़ोत्तरी, जानें आंकड़े
नयी दिल्ली : कोविड-19 के कारण मौजूदा वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा बढ़कर 9.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुये कहा “वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत में महामारी के कारण राजस्व प्राप्ति कमजोर रही।
इसके साथ ही गरीबों, महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति समेत समाज के दूसरे कमजोर वर्गों को जरूरी राहत प्रदान करने के लिए खर्च बड़े पैमाने पर बढ़ाना पड़ा। …इसके परिणाम स्वरूप 2020-2021 में 30.42 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान की तुलना में संशोधित अनुमान के अनुसार 34.50 लाख करोड़ रुपये के व्यय की संभावना है।”
सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 34,83,236 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 30,42,230 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया था जिसे संशोधित अनुमान में बढ़ाकर 34,50,305 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
मौजूदा वित्त वर्ष के लिए वित्तीय घाटे का अनुमान 3.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसे पूरा करने के लिए सरकारी ऋण, बहुस्तरीय ऋण, लघु बचत कोष और अल्पकालिक ऋण का सहारा लिया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के शेष दो महीने में 80 हजार करोड़ रुपये बाजार से जुटाये जायेंगे। अगले वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहेगा। इसे वर्ष 2025-26 तक जीडीपी के 4.5 प्रतिशत से कम पर लाने का लक्ष्य रखा है।