दोनों उपमुख्यमंत्रियों के बिना खींची गई, सदन विधायकों की अधूरी तस्वीरें– अखिलेश यादव..
उत्तर प्रदेश –उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ का जलवा कायम है ,लेकिन बीच-बीच में उनके खिलाफ सियासी सच सामने आते रहते हैं।बीजेपी के ही कुछ बड़े नेता उनकी कुर्सी हिलाने में लगे हैं। लेकिन इस बार लगता है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों उप मुख्यमंत्रियों की कुर्सी हिला दी ।दोनों उपमुख्यमंत्रियों के बिना खींची गई सदन-विधायकों की तस्वीरे अधूरी सी हैं।
गौरतलब है कि भारत एक संवैधानिक देश है, जो संविधान में दिए गए नियमों के अनुसार ही चलता है भारत एक लोकतान्त्रिक देश है। देश को चलाने के लिए देश में कई राजनीतिक पद होते है, जैसे भारत को चलाने के लिए केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री का पद होता है, उसी तरह राज्य की व्यवस्था चलाने के लिए राज्य सरकार होती है, जिसका कार्यभार मुख्य मंत्री को सौंपा जाता है, परन्तु कुछ स्थिति ऐसी होती है मुख्यमंत्री के साथ अचानक कोई घटना हो जाने पर उसका कार्यभार संभालने के लिए उप मुख्यमंत्री यानि की डिप्टी सीएम की नियुक्ति की जाती है ।
राज्य की व्यवस्था मुख्यमंत्री के अनुपस्थिति में निभाता है ।इसके अलावा बहुत सारे अन्य कार्य मुख्यमंत्री के उपस्थिति में भी दिए जाते है । इसमें राज्य कैबिनेट का कोई विभाग का कार्य भार भी सौंपा जा सकता है । जैसे यह विभाग उपमुख्यमंत्री के योग्यतानुसार दिया जाता है।किसी भी बड़े राज्य में आवश्यकता पड़ने पर दो या अधिक उपमुख़्यमंत्रियों की भी नियुक्ति की जा सकती है, जैसे की उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक उपमुख्यमंत्री नियुक्त किये गए ।सरकार की राज्य कार्य प्रणाली में, मुख्यमंत्री को कैबिनेट में “समानों के बीच पहला” स्थान दिया गया है। उप-मुख्यमंत्री का उपयोग ज्यादातर गठबंधन सरकार में राजनीतिक स्थिरता और ताकत बढ़ाने के लिए किया जाता है।
ज्यादातर गठबंधन सरकार में दूसरे नम्बर की पार्टी के मुख्य नेता को उपमुख्यमंत्री बनाया जाता है । अगर उपमुख्यमंत्री के हिस्से में इतनी ताकत है तो फिर योगी सरकार में उन्हें सदन विधायकों के साथ ली गई तस्वीर में क्यों नहीं शामिल होने दिया ऐसे में सदन विधायकों द्वारा तस्वीरें ली गई अधूरी हैं ।या फिर सत्ता के रुख के चलते दोनों उप मुख्यमंत्रियों को सदन में फोटो खिंचवाने के लिए बुलाया नहीं गया या फिर योगी सरकार दोनों उप मुख्यमंत्रियों को वह दर्जा नहीं देना चाहते है जिससे पर पद की प्रतिष्ठा और गरिमा निहित होती है।
इस विषय पर विपक्ष यानी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने टि्वटर हैंडल से ट्वीट करके कहा, दोनों उप मुख्यमंत्रियों के बिना खींची गई सदन की तस्वीरें अधूरी हैं ।क्या वह लोग आए नहीं या फिर उन्हें बुलाया नहीं गया। या उनकी गिनती होती भी है, या नहीं होती है ।या फिरउपमुख्यमंत्री के पद का कोई महत्व नहीं होता है।