मदरसों में आधुनिक शिक्षा का समावेश जरूरी: रत्ना शुक्ला आनंद

मदरसों में आधुनिक शिक्षा का समावेश जरूरी: रत्ना शुक्ला आनंद

मदरसों में आधुनिक शिक्षा का समावेश जरूरी: रत्ना शुक्ला आनंद

नई दिल्ली। मदरसों में दीनी तालीम के साथ-साथ औपचारिक और आधुनिक शिक्षा का समावेश होना ज़रूरी, ताकि छात्रों को नौकरी के बेहतर अवसर मिल सकें। ये बातें आवाज़- ए – ख्वातीन की निदेशक रत्ना शुक्ला आनंद ने दिल्ली के ओल्ड सीमा पूरी के मदरसा तालिमुल कुरआन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही।

 

आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर आवाज ए ख्वातीन ने ओल्ड सीमा पूरी स्थित मदरसा तालिमुल कुरआन में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया। ये आयोजन फेडरेशन फ़ॉर एडुकेशनल डेवलपमेंट के साथ किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ राकेश रमण झा मौजूद थे।

 

निबंध प्रतियोगिता के मौके पर छात्राओं को संबोधित करते हुए आवाज ए ख्वातीन की निदेशक रत्ना शुक्ला आनंद ने कहा कि मदरसों में दीनी तालीम के साथ औपचारिक और आधुनिक शिक्षा का भी समावेश होना चाहिए। इससे छात्र छात्राओं को समाज में आगे बढ़ने और नौकरी पाने के अवसर मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि आवाज ए ख्वातीन लडकियों के उत्थान

के लिए काम कर रहा है। आप आगे भी हमारे साथ जुड़े रहें ताकि हम भविष्य में आपका मार्गदर्शन कर सके और आपको अपने पैरौं पर खडा होने में मदद कर सकें। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ राकेश रमण झा ने कहा कि महिलाओं को लेकर समाज की सोच बदल रही है। लेकिन ये भी सच है कि महिलाएं अभी भी अपने अधिकारों से वंचित हैं। उनकी आवाज़ को दबा दिया जाता है। उम्मीद है आवाज़ के ख्वातीन महिलाओं की आवाज़ बनेगा।

मदरसा तालिमुल कुरआन में आयोजित निबंध प्रतियोगिता में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान क्रमशः अमरीन खातून, जेबी नाज़ और अर्शी ने हासिल किया। प्रतियोगिता के दौरान छात्राओं ने देश भक्ति के कई गीत गाए। देश भक्ति गाने का कार्यक्रम में मौजूद छात्राओं ने खूब मजा लिया और तालियां बजायी। इस मौके पर निदेशक रत्ना शुक्ला आनंद के साथ फेडरेशन फ़ॉर एडुकेशनल डेवलपमेंट में संस्थापक सचिव शकील अहमद व अन्य लोग मौजूद थे।

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