जंतर-मंतर पर भड़काऊ भाषण: अश्विनी उपाध्याय समेत 5 हिरासत में लिए गए
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) की सालगिरह पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. आरोप लगे हैं कि कार्यक्रम के दौरान विवादित नारेबाजी की गई और भड़काऊ भाषण दिए गए. इस मामले में अब कार्यक्रम के आयोजक अश्विनी उपाध्याय समेत 5 को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है. DCP दीपक यादव के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील अश्वनी उपाध्याय समेत 5 लोगों को दिल्ली पुलिस कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है.
मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने भी बीते सोमवार को अश्विनी उपाध्याय के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है. अश्विनी उपाध्याय रात 3 बजे के करीब कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन पहुंचे. उन्होंने कहा है कि नारे लगाने वालों को नहीं जानता हूं. वीडियो की जांच की जाए और सही पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.
दरअसल, इस मामले में बीते सोमवार की देर शाम को ही अश्विनी उपाध्याय को कनॉट पैलेस थाने बुलाया गया था. दिल्ली पुलिस अश्विनी उपाध्याय और अन्य चिह्नित लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी कर रही थी. माना जा रहा है कि किसी भी वक्त सभी को गिरफ्तार किया जा सकता है.
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने कहा था कि घटना में शामिल अश्विनी उपाध्याय और अन्य को गिरफ्तार किया जाएगा. दिल्ली पुलिस कह रही है कि किसी भी तरह के सांप्रदायिक विद्वेष को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गौरतलब है कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने अश्विनी उपाध्याय के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने के बाद ट्वीट करते हुए कहा था कि देश की राजधानी दिल्ली में संसद से कुछ ही दूर पर एक वर्ग को खुलेआम काटने की धमकी देने वाले गुर्गों के खिलाफ पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत कर एनएसए और यूएपीए के तहत सख्त कार्रवाई की मांग की है. सबूत सामने होते हुए भी कार्रवाई में देरी आखिर क्यों हो रही है?
अश्विनी उपाध्याय ने दी सफाई
अश्विनी उपाध्याय ने पुलिस कमिश्नर को एक पत्र लिखकर सफाई दी. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि 15 अगस्त की तरह 8 अगस्त भी एक ऐतिहासिक दिन है. 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया था. इस ऐतिहासिक दिवस की वर्षगांठ मनाने के लिए ही 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर सेव इंडिया फाउंडेशन द्वारा एक छोटा सा कार्यक्रम आयोजित किया गया था. प्रीत सिंह संस्था के अध्यक्ष और अरविंद त्यागी इसके महामंत्री हैं. मैं इस संस्था का पदाधिकारी नहीं हूं. यह कोई राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि 15 अगस्त की तरह ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन को याद करने के लिए आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में सरकार से मांग की गई कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ (15 अगस्त 2022) से पहले सभी अंग्रेजी कानून खत्म कर नया कानून बनाया जाए. आर वी एस मणि, फिरोज बख्त अहमद, लेफ्टिनेंट जनरल विष्णु कांत चतुर्वेदी, गजेंद्र चौहान और मैं सुबह 11 बजे मंच पर पहुंचे और भीड़ बढ़ने के कारण 12 बजे कार्यक्रम समाप्त हो गया और हम सब वहां से चले गए.
‘उन्माद फैलाने वालों को नहीं जानता’
पत्र में अश्चिनी उपाध्याय ने आगे लिखा, ‘सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति उन्मादी भाषण दे रहा है. कुछ लोग मुझे बदनाम करने के लिए मेरा नाम लेकर यह वीडियो ट्विटर, फेसबुक और वाट्सएप्प पर शेयर कर रहे हैं, जबकि वीडियो में दिख रहे लोगों को न तो मैं जानता हूं, न तो इनमें से किसी से मिला हूं और न तो इन्हें बुलाया गया था. मैं आपसे निवेदन करता हूं कि इस वीडियो की सत्यता के साथ-साथ इसके बनाए जाने के समय और स्थान की जांच करने का निर्देश दें. यदि यह वीडियो सही है तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें और यदि असत्य है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें. मैं आपसे निवेदन करता हूं कि जांच पूरी होने तक इस वीडियो को शेयर न करने के लिए भी आवश्यक कार्रवाई करें. जिन लोगों ने इस वीडियो के साथ मेरा नाम जोड़ा है, उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दें.’