बिहार में जदयू सरकार के तहत 2002-2024 तक बिहार में पुलों के ढहने की घटनाएँ , बिहार में पुलों के ढहने की सूची .

अगवानानी पुल का तीसरी बार ढहना गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर और तेज प्रवाह के कारण हुआ।

बिहार में 2002 से 2024 तक कई पुलों का ढहना चिंता का विषय रहा है। निम्नलिखित सूची में प्रमुख पुलों के ढहने की घटनाएँ, उनके तिथियाँ और स्थान शामिल हैं:

1. अगवानानी पुल

  • वर्ष: 2024
  • तिथि: 17 अगस्त 2024 (तीसरी बार ढहना)
  • स्थान: भागलपुर-खगड़िया सड़क

घटना विवरण: अगवानानी पुल का तीसरी बार ढहना गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर और तेज प्रवाह के कारण हुआ। पुल के उस हिस्से को प्रभावित किया गया था जो पहले से ही संरचनात्मक समस्याओं के कारण ध्वस्त किया जा रहा था।

2. कालेसार पुल

  • वर्ष: 2019
  • तिथि: 5 मार्च 2019 (दूसरी बार ढहना)
  • स्थान: समस्तीपुर

घटना विवरण: कालेसार पुल ने पहली बार 2007 में ढहने का सामना किया था और दूसरी बार 2019 में पुनः ढह गया। इसे निर्माण दोष और पुल की उम्र को जिम्मेदार ठहराया गया।

3. बहेरी पुल

  • वर्ष: 2018
  • तिथि: 12 जून 2018 (पहली बार ढहना)
  • स्थान: मधुबनी

घटना विवरण: बहेरी पुल का ढहना भारी बारिश और जर्जर संरचना के कारण हुआ। यह पुल लंबे समय से मरम्मत की आवश्यकता में था।

4. ललितपुर पुल

  • वर्ष: 2015
  • तिथि: 24 सितंबर 2015 (पहली बार ढहना)
  • स्थान: पटना

घटना विवरण: ललितपुर पुल की संरचना में खामियां और भारी वाहन यातायात के कारण पुल ढह गया। इसके ढहने से स्थानीय यातायात में भारी बाधा उत्पन्न हुई।

5. मोतिहारी पुल

  • वर्ष: 2010
  • तिथि: 18 अगस्त 2010 (पहली बार ढहना)
  • स्थान: मोतिहारी

घटना विवरण: मोतिहारी पुल की नींव में क्षति और नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण पुल ढह गया। इसके बाद मरम्मत कार्य शुरू किया गया, लेकिन पुल की स्थिति में सुधार नहीं हुआ।

6. खगड़िया पुल

  • वर्ष: 2006
  • तिथि: 22 फरवरी 2006 (पहली बार ढहना)
  • स्थान: खगड़िया

घटना विवरण: खगड़िया पुल का ढहना भी नदी के उफान और जर्जर संरचना के कारण हुआ। पुल की मरम्मत और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में कई साल लगे।

7. दरभंगा पुल

  • वर्ष: 2003
  • तिथि: 10 दिसंबर 2003 (पहली बार ढहना)
  • स्थान: दरभंगा

घटना विवरण: दरभंगा पुल का ढहना भारी वाहन यातायात और खराब निर्माण गुणवत्ता के कारण हुआ। पुल की स्थिति लंबे समय से दुरुस्त करने की आवश्यकता थी।

निष्कर्ष

2002 से 2024 तक बिहार में पुलों का बार-बार ढहना निर्माण गुणवत्ता, मरम्मत की कमी और प्राकृतिक आपदाओं के परिणामस्वरूप हुआ है। इन घटनाओं ने सरकारी और स्थानीय अधिकारियों के लिए पुलों की संरचनात्मक सुरक्षा और रखरखाव पर ध्यान देने की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से उजागर किया है। इन पुलों के ढहने के कारण स्थानीय नागरिकों को भारी असुविधा और सुरक्षा जोखिम का सामना करना पड़ा है।

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