योगी सरकार में ‘बेलगाम’ यूपी पुलिस, थाने में बंद कर वकील को पीटा.. प्रयागराज में भड़के वकीलों का हंगामा
वकील की पीठ पर पड़े लाठियों के निशान, साथी वकीलों का 15 घंटे से धरना जारी

योगी सरकार में कानून व्यवस्था पर फिर सवाल उठे हैं। प्रयागराज में एक वकील को पुलिस ने थाने में बंद कर बेरहमी से पीटा, जिससे पूरे वकील समाज में आक्रोश फैल गया है। पीड़ित वकील के शरीर पर पिटाई के निशान हैं और साथी वकीलों का थाने के बाहर 15 घंटे से अधिक समय से धरना जारी है।
घटना ने योगी सरकार की कानून-व्यवस्था और पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वकील को थाने में बंद कर पीटा, हालत बिगड़ी
नैनी एडीए कॉलोनी निवासी और जिला अदालत में प्रैक्टिस कर रहे वकील आदर्श मिश्र को पुलिस ने मंगलवार रात थाने में बंद कर बुरी तरह पीटा। जब उनकी तबियत बिगड़ गई, तब उन्हें सीएचसी ले जाया गया। आरोप है कि अस्पताल में भी दरोगा ने उनकी पिटाई की।
वकीलों ने वीडियो भी जारी किया है जिसमें पीड़ित वकील के शरीर पर डंडों से मारने के साफ निशान नजर आ रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
मंगलवार रात करीब 11 बजे वकील आदर्श मिश्र अपनी कार से जा रहे थे। रास्ते में ट्रकों की लाइन लगी थी और एक ट्रक ने उनकी गाड़ी में टक्कर मार दी। इसके बाद आदर्श और ट्रक चालक के बीच बहस और हाथापाई हो गई।
सूचना पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों को औद्योगिक क्षेत्र थाने ले गई, लेकिन वकीलों का आरोप है कि पुलिस ने ट्रक चालक रजनीश उपाध्याय की तहरीर पर केवल आदर्श के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और थाने में बंद कर पिटाई की।
साथी वकीलों ने किया हंगामा, थाने पर धरना
बुधवार दोपहर जब वकीलों को घटना की जानकारी हुई तो सैकड़ों वकील औद्योगिक क्षेत्र थाने पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया।
वकीलों की मांग है कि आरोपी दरोगा संजीव कुमार पर तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए और उन्हें निलंबित किया जाए। पुलिस की अनदेखी के कारण वकीलों ने थाने परिसर में ही धरना शुरू कर दिया जो रात भर जारी रहा।
पीड़ित वकील की हालत खराब, मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार
वकीलों द्वारा सौंपे गए वीडियो में आदर्श के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान साफ दिख रहे हैं। पीड़ित वकील को मेडिकल के लिए भेजा गया है। हालांकि पुलिस का दावा है कि उनकी हालत अब ठीक है।
वकीलों का आरोप है कि पुलिस की बर्बरता से वकील अधमरा हो गया था और उसे चुपचाप थाने से हटाकर अस्पताल पहुंचाया गया।
एसीपी ने जांच की बात कही, लेकिन कार्रवाई नहीं
सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) कौंधियारा विवेक यादव ने मीडिया को बताया कि आदर्श मिश्र पर ट्रक चालक से मारपीट और ट्रक का शीशा तोड़ने का आरोप है।
उन्होंने कहा कि वकील की ओर से भी दरोगा संजीव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाया गया है और जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे वकीलों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
योगी सरकार पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। योगी सरकार में पुलिसिया रवैये को लेकर पहले भी कई बार विवाद उठ चुके हैं, लेकिन इस बार मामला न्याय के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ – वकीलों – से जुड़ा है।
वकील संगठनों का कहना है कि अगर आरोपी दरोगा पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
पुलिस की मनमानी पर लगाम जरूरी
प्रयागराज की यह घटना बताती है कि उत्तर प्रदेश में कानून का रखवाला बनने वाली पुलिस किस तरह से कानून को हाथ में लेकर आम नागरिकों और अब वकीलों को भी निशाना बना रही है। अगर समय रहते इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की, तो आने वाले समय में इसका राजनीतिक असर भी देखने को मिल सकता है।