वोटिंग के मामले में नोएडा-जेवर दोनों ने ही तोड़े अपने रिकॉर्ड, पढ़ें आज की 10 बड़ी खबरें

नोएडा.वोट करने के मामले में एक बार फिर जेवर (Jewar) और नोएडा (Noida) ने अपने-अपने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. नोएडा में सुबह से ही पोलिंग बूथ पर भीड़ कम रही. आओ वोट डालो और जाओ जैसा माहौल था. वहीं जेवर के पोलिंग बूथ पर लम्बी-लम्बी लाइन लगी हुईं थी. अपनी बारी का इंतजार करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा था. बावजूद इसके देर शाम तक मतदाओं के जोश में कोई कमी नहीं दिखी. वहीं हमेशा की तरह से दादरी (Dadri) दूसरे नंबर पर रहा. जबकि गौतम बुद्ध नगर का वोट फीसद थोड़ा बेहतर रहा और वो गाजियाबाद (Ghaziabad) की जगह फिसड्डी बनने से बच गया. हालांकि पुलिस (Police)-प्रशासन ने 70 फीसद तक का लक्ष्य तय करते हुए लोगों को वोट के लिए हर तरह से जागरुक करने की पूरी कोशिश की.

जेवर के वोटरों ने किया 66 फीसद से ज्यादा मतदान

चुनाव लोकसभा के हों या फिर विधानसभा के, वोट देने के मामले में जेवर के वोटर हमेशा आगे रहते हैं. यह हम नहीं जेवर का रिकॉर्ड बोल रहा है. साल 2012 के यूपी विधानसभा पर नजर डालें तो जेवर के लोगों ने 62.05 फीसद वोट डालें थे. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में भी जेवर के वोटर ने उत्साह दिखाते हुए 61.83 फीसद वोट किए थे. ऐसा नहीं है कि जेवर विधानसभा ने इसी चुनाव में अपना रिकॉर्ड तोड़ा है.

1-भारत में ओमिक्रॉन से मुकाबले वाला कोरोना टीका भी तैयार, जानिए किसने और कैसे बनाया है?

देश में कोरोना (Corona) के सबसे नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) ने मुकाबले वाला टीका (Vaccine) भी बना लिया गया है. केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी है. इसमें भी खास बात ये है कि यह टीका एमआरएनए (mRNA) आधारित है. यानि, वह तकनीक जो कोरोना (Corona) सभी वेरिएंट से मुकाबले के मामले में अब तक सबसे प्रभावी पाई गई है.

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वीके पॉल ने कहा, ‘हम जेनोवा (Gennova) की एमआरएनए (mRNA) आधारित वैक्सीन (Vaccine) पर करीबी निगाह रख रहे हैं. यह पूरी तरह स्वदेशी है. इसे एक से दूसरी जगह पहुंचाने में आसानी रहती है. साथ ही यह सामान्य तापमान में भी सुरक्षित रह सकती है. अमेरिका, आदि में उपलब्ध अन्य एमआरएनए (mRNA) आधारित वैक्सीन (Vaccine) की तरह अतिरिक्त ठंडे वातारण की जरूरत इसे नहीं होती. इसका उत्पादन तेजी से और अधिक मात्रा में हो सकता है. साथ ही, जरूरत पड़ने पर इसमें संशोधन कर नए कोरोना वेरिएंट (Corona Variants) से मुकाबले के लिए इसे उन्नत भी किया जा सकता है.’

2-दूसरी लहर में कोरोना के शिकार लोगों में दिल की बीमारी का गंभीर खतरा, डॉक्टरों ने कहा- ये उपाय करें

पिछले साल कोरोना वायरस (coronavirus) के शिकार हुए लोगों में एक साल बीतने के बाद भी दिल की बीमारी (heart disease) का गंभीर खतरा बना हुआ है. एक नई स्टडी से ये बात सामने आई है. कोरोना की दूसरी लहर में इस महामारी की चपेट में आने वाले तमाम लोग अब तक सीने में जलन, हार्ट अटैक और धड़कन बढ़ने जैसी परेशानियों से जूझ रहे हैं.

अमेरिका में हुई स्टडी बताती है कि दिल की बीमारी का खतरा ऐसे लोगों में भी है, जिन्हें तब कोरोना के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आई थी. ये स्टडी साइंस जर्नल नेचर में प्रकाशित हुई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मेदांता हॉस्पिटल में हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. आर.आर कासलीवाल बताते हैं कि कोविड से मरीजों में साइटोकीन (cytokine) का स्तर बढ़ जाता है, जो दिल पर असर डालता है. लेकिन हम ये बात निश्चित तौर पर नहीं कह सकते कि लॉन्ग कोविड के लक्षण कब और कैसे प्रभावित करेंगे. ये तीन महीने, छह महीने और साल भर बाद भी सामने आ सकते हैं. वह कहते हैं कि डायबीटीज, हाइपरटेंशन जैसी कोमॉर्बिडिटीज से पीड़ित लोगों में तो ये खतरा ज्यादा है ही, लेकिन बहुत से बाकी लोग भी महीनों बीतने के बावजूद हार्ट ब्लॉकेज, धड़कन बढ़ने और दिल की दूसरी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं.

3-गुजरात में 19 शहरों से हटा नाइट कर्फ्यू, मेघालय में 14 फरवरी से खुलेंगे स्कूल

गुजरात सरकार ने गुरुवार को 19 शहरों में रात का कर्फ्यू हटा दिया, जबकि आठ बड़े शहरों में इसकी अवधि घटा दी. बयान के अनुसार रात का कर्फ्यू सिर्फ आठ बड़े शहरों में तीन घंटे की छूट के साथ, रात 12 बजे से सुबह पांच बजे तक लागू रहेगा. ये शहर-अहमदाबाद, वड़ोदरा, सूरत, राजकोट, भावनगर, जामनगर, जूनागढ़ और गांधीनगर हैं.

4-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक चुनावी रैली, 55 साल बाद कासगंज पहुंचेंगे कोई PM

उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए पहले चरण का चुनाव गुरुवार को संपन्‍न हो गया. अब प्रदेश की सभी राजनीतिक पार्टियों का ध्‍यान दूसरे चरण के तहत होने वाली वोटिंग पर है. इसे देखते हुए राजनीतिक दल इसकी तैयारियों में जुट गए हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी अब बाकी चरणों में होने वाले चुनाव की तैयारियों में जुटी है. इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को सहारनपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया था. अब शुक्रवार को वह कासगंज में एक बड़ी चुनावी रैली को संबोधित करने वाले हैं. इस जनसभा में 1 लाख लोगों के जुटने का दावा किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कासगंज में विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए जनसभा को संबोधित करेंगे. इस दौरान उनके साथ राष्‍ट्रीय के साथ राज्‍य स्‍तर के भी कई बड़े नेता मंच पर मौजूद रहेंगे. जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी दोपहर बाद तकरीबन 2:20 बजे कासगंज जिले के पटियाली विधानसभा क्षेत्र में पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्र में रैली कर पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को प्रोत्‍साहित करने का काम करेंगे. उनके आगमन को लेकर क्षेत्र में उत्‍साह देखा जा रहा है. बताया जाता है कि 55 साल के लंबे अंतराल के बाद कोई प्रधानमंत्री कासगंज की धरती पर कदम रखने वाले हैं.

5-रामदास आठवले ने ‘सुधारी’ शशि थरूर की अंग्रेजी, सलाह के साथ ही कस दिया यह तंज

कांग्रेस सासंद शशि थरूर (Shashi Tharoor) और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले (Ramdas Athawale) के बीच गुरुवार को मजेदार ‘ट्वीट वॉर’ देखा गया. एक ओर थरूर ने लोकसभा (Loksabha) की एक फोटो पोस्ट करते हुए आठवले का जिक्र किया, तो वहीं कुछ देर बाद केंद्रीय मंत्री ने भी थरूर को सही अंग्रेजी के साथ लिखने की नसीहत दे डाली. खास बात है कि तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस (Congress) सांसद थरूर को अंग्रेजी का बड़ा जानकार भी माना जाता है.

थरूर ने गुरुवार को लोकसभा का एक फोटो ट्वीट किया, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट को लेकर किए गए सवालों का जवाब देती हुई नजर आ रही हैं. कांग्रेस नेता ने फोटो में नजर आ रहे आठवले हाव भाव के जरिए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा कि करीब दो घंटों की ‘Bydget debate’ पर निर्भर रहने के बाद मंत्री रामदास आठवले की स्तब्ध और अविश्वसनीय अभिव्यक्ति सब कुछ बता रही है कि ट्रैजरी बेंच भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अर्थव्यवस्था और उनके बजट को लेकर किए गए दावों पर भरोसा नहीं कर पा रही है.

6-दीनदयाल उपाध्याय ने राष्ट्र की तुलना में समाज को माना ज्यादा महत्वपूर्ण

जाने-माने विचारक, दार्शनिक और राजनीतिक पार्टी भारतीय जनसंघ (Bharatiya Jana Sangh) के सह-संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय (Pandit Deendayal Upadhyay) की आज पुण्यतिथि है. इनका शव वाराणसी के करीब मुगलसराय जंक्शन (Mughalsarai station) पर 11 फरवरी 1968 को लावारिस हालत में पाया गया था. उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का राज (Deen Dayal Upadhyay death mystery) कभी सामने नहीं आ सका. चोरी के इरादे से उनकी हत्या का आरोप जिन लोगों पर लगाकर सजा हुई, उस पर किसी को शायद ही भरोसा हुआ. बाद में जनसंघ के ही एक बड़े नेता ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मौत (Deen Dayal Upadhyay death reason )  को एक राजनैतिक हत्या करार देकर सनसनी फैलाने का काम किया था.

7-SC का राज्यों को निर्देश- मोटर दुर्घटना के दावों पर भुगतान के 40 साल पुराने नियमों को संशोधित करें

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने गुरुवार को केंद्र सरकार को मोटर दुर्घटनाओं के दावों (Motor Accident Claims) से संबंधित 40 साल पुराने नियमों को संशोधित करने पर विचार करने के लिए कहा है जो राज्यों को सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजे के तौर पर 20 लाख रुपये तक के भुगतान के लिए प्रतिबंधित करता है. सर्वोच्य न्यायालय ने यह पाया कि मोटर दुर्घटनाओं में पीड़ितों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि मोटर वाहन अधिनियम 1939 के तहत अक्टूबर 1982 में तय की गई थी और तब से आज तक इसे संशोधित नहीं किया गया है.

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि, 40 साल बीत जाने के बावजूद, इस राशि का कोई संशोधन नहीं किया गया है. इसके बाद, जब 1989 में मोटर वाहन नियम बनाए गए, तो इस नियम को नियम 152 के रूप में पेश किया गया था. कोर्ट ने कहा कि हमारा ऐसा मनना है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर नियम 152 के आंकड़ों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है.

8-88 देशों में एक दिन में गई 4,355 लोगों की जान, सऊदी अरब में सबसे ज्यादा मौत

दुनिया भर के 88 देशों में कोविड-19 (Covid-19) के कारण कुल 4,355 भारतीयों की मौत हुई, जिनमें सबसे अधिक मौतें सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में दर्ज की गईं. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने गुरुवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए कुल 127 शवों को भारत वापस लाया गया. सऊदी अरब में कोविड -19 के कारण कुल 1,237 मौतें दर्ज की गईं, जबकि संयुक्त अरब अमीरात में 894 मौतें हुईं. इन दो पश्चिम एशियाई देशों में साठ लाख से अधिक भारतीय रहते हैं.

मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अन्य देशों में बहरीन में 203, कुवैत में 668, मलेशिया में 186, ओमान में 555 और कतर में 113 में बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं. मुरलीधरन ने कहा कि जब भी भारत के विदेशी मिशनों को इस तरह के अनुरोध प्राप्त होते थे, तो शवों को भारत ले जाने या स्थानीय दफनाने के लिए भारतीय समुदाय कल्याण कोष से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती थी. उन्होंने कहा कि कोविड -19 से मरने वाले भारतीयों के शवों को वापस लाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, बशर्ते कि स्वास्थ्य और नागरिक उड्डयन मंत्रालयों द्वारा अनिवार्य सावधानी बरती जाए.

9- जब डॉन को चारपाई पर रखकर पोलिंग बूथ पहुंचे स्‍थानीय लोग, जानें बुर्जुग मतदाता की कहानी

यूपी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) के पहले चरण के मतदान के दौरान आगरा में लोकतंत्र के महापर्व का अनोखा रूप देखने को मिला है. दरअसल जिले की उत्तरी विधानसभा के तहत कुशवाहा गली नौबस्ता (लोहामंडी) निवासी 70 वर्षीय बुर्जुग पिछले काफी समय से न सिर्फ चलने-फिरने में असमर्थ हैं बल्कि बैठना और खड़े होना भी उनके लिए मुश्किल है, लेकिन वोट डालने की उनकी जिद के आगे स्‍थानीय लोगों को झुकना पड़ा. यही नहीं, कई लोगों उनको चारपाई पर रखकर पोलिंग बूथ पहुंचे. इस दौरान जिसने भी यह नजारा देखा वह हैरान रह गया.

दरअसल आगरा के लोहामंड़ी इलाके की कुशवाहा गली नौबस्ता निवासी 70 वर्षीय महेंद्र सिंह कुशवाहा उर्फ डॉन कई साल से चलने, फिरने के साथ उठने और बैठने में असमर्थ हैं. उनकी दिनचर्या चारपाई पर ही पूरी होती है, लेकिन उनका लोकतंत्र के प्रति इतना लगाव कि वह हर हाल में अपना वोट डालना चाहते थे. यही नहीं, उनकी इच्‍छा का सम्‍मान करते हुए स्‍थानीय लोग उन्‍हें चारपाई पर रखकर पोलिंग बूथ पहुंचे गए. वहीं, महेंद्र सिंह कुशवाहा से बातचीत के दौरान पता चला है कि वह कई साल से अपना जीवन चारपाई पर गुजार रहे हैं, लेकिन वे हर बार अपना वोट देना नहीं भूलते हैं. इसी वजह से स्‍थानीय युवा उन्‍हें चारपाई पर रखकर वोटिंग के लिए पोलिंग बूथ ले आए. यही नहीं, उन्‍होंने अपना वोट भी डाला और खुशी व्‍यक्‍त की कि वह महापर्व का एक बार फिर हिस्‍सा बनने में सफल रहे हैं.

10- राकेश टिकैत बोले- इस बार यूपी के चुनाव परिणाम अलग होंगे, जानें मुजफ्फरनगर में कितना हुआ मतदान

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Election 2022) के पहले चरण का मतदान खत्‍म हो चुका है. इसके बाद भाजपा और सपा समेत सभी दल अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि मुजफ्फरनगर में 2013 की स्थिति अब बदल गयी है और यहां शांति स्थापित हो चुकी है, इसलिए इस बार चुनाव परिणाम कुछ अलग होंगे.

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 2013 में मुजफ्फरनगर जिले में भड़के साम्प्रदायिक दंगों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘2013 का परिणाम ट्रायल था. ट्रायल का स्टेडियम अब यहां ढह चुका है और जिन स्टेडियम में ये मैच खेले गये थे, वे अब ढह चुके हैं.’

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