लखीमपुर खीरी केस में सुप्रीम कोर्ट का यूपी सरकार को दिया ये आदेश
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को सुनवाई की. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश को फटकार लगाई है. किसानों पर कार चढ़ा देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि घटना के सिर्फ 23 चश्मदीद क्यों हैं? सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को और अधिक गवाह एकत्र करने, उनके बयान दर्ज करने और उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने का भी आदेश दिया है.
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों पर कार चढ़ाने के आरोप हैं. इस मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए. उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि इस मामले में कुल 68 चश्मदीद थे. इनमें से 30 चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए हैं. इनमें से 23 लोगों ने घटना के चश्मदीद होने का दावा किया है.
यूपी सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया है कि लोगों ने कार देखी और उसके अंदर बैठे लोगों को भी देखा था. कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि अगर चश्मदीद गवाह से ज्यादा विश्वसनीय हैं तो फर्स्ट हैंड इंफॉर्मेशन होना सबसे अच्छा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर बयान दर्ज करने में कोई कठिनाई हो रही है या न्यायिक अधिकारी उपलब्ध नहीं है तो पास के जिला जज उनकी जगह किसी और की उपलब्धता को सुनिश्चित करें.
यूपी सरकार पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अधिक चश्मदीदों से पूछताछ क्यों नहीं की गई है. आपने अब तक 44 चश्मदीदों में से महज 4 के बयान दर्ज किए हैं. और अधिक के क्यों नहीं? इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया कि वो सभी चश्मदीदों की गवाही दर्ज करे और सभी को सुरक्षा प्रदान करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह इसकी अंतिम कहानी नहीं है.