कई प्लांट्स में 2 तो किसी में एक दिन के भी नहीं कोयले का स्टॉक
नई दिल्ली. इस बार देश की दीपावली अंधेरे में गुजर सकती है. इसकी वजह है देश में बिजली कंपनियों के सामने आए कोयले के स्टॉक में कमी. देश के कुछ राज्यों में बिजली संकट का दावा किया जा रहा है. हाालंकि राज्यों और केंद्र सरकार के दावे अलग-अलग हैं. एक ओर जहां राज्यों का कहना है कि कोयला नही है तो वहीं केंद्र का कहना है कि राज्य कोयला कंपनियों का बहुत बकाया हो गए हैं. इन सबके लोगों के लिए चिंता यह है कि अब से कुछ दिनों बाद दीपावली आ रही है और अगर यह संकट बरकरार रहा तो क्या दीपावली अंधेरे में कटेगी?
बता दें हर साल अक्टूबर के बाद से बिजली की खपत बढ़ने लगती है. फिलहाल दिल्ली, पंजाब, केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक ने बिजली संकट को लेकर केंद्र सरकार को चिट्ठी लिख कर चेतावनी जारी कर दी है. इतना ही नहीं केरल और महाराष्ट्र ने तो यहां तक कह दिया है कि राज्य के निवास सोच समझकर बिजली का इस्तेमाल करें.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की 7 अक्टूबर की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 135 प्लांट्स में 110 कोयले के संकट का सामना कर रहे हैं और स्थिति काफी गंभीर हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक 16 प्लांट्स में 1 भी दिन का कोयला स्टॉक में नहीं है तो वहीं 30प्लांट्समें केवल 1 दिन का कोयला है. ऐसा ही हाल 18 और प्लांट्स का है जहां सिर्फ 2 दिन कोयला बचा है. उधऱ बात हरियाणा और महाराष्ट्र की करें तो यहां के तीन प्लांट्स ऐसे हैं जहां एक भी दिन का कोयला स्टॉक में नहीं है. पश्चिम बंगाल के 2 प्लांट्स की भी हालत यही है.
नीतीश कुमार बोले-90 करोड़ रुपये का हुआ अतिरिक्त भुगतान
इस मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि ऐसे में जब कई राज्य ताप विद्युत स्टेशनों को कोयले की आपूर्ति कम होने के कारण बिजली संकट का सामना कर रहे हैं, राज्य ने निजी स्रोतों के माध्यम से बिजली खरीदने के लिए पिछले पांच दिनों में अतिरिक्त 90 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. उन्होंने कहा कि इस स्थिति के बावजूद बिहार प्रति दिन 5,500 मेगावाट की अपनी ‘पीक लोड’ मांग को पूरा कर रहा है.
कुमार ने ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के बाद कहा कि उन्हें राज्य के बिजली विभाग के अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया है कि बिहार को जल्द ही नियमित बिजली आपूर्ति मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा हूं. हम किसी भी संकट से बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि राज्य को पर्याप्त बिजली आपूर्ति नहीं मिल रही है.’
योगी ने दिए अधिकारियों को निर्देश
इसके साथ ही सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के अध्यक्ष को राज्य में बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति के संबंध में गहन समीक्षा करने का निर्देश दिया और राज्य के बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा है. उन्होंने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शाम छह बजे से सुबह सात बजे के बीच लगातार बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए क्योंकि त्योहारी सीजन चल रहा है.
उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए यूपीपीसीएल के अध्यक्ष को ‘राज्य में बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति के संबंध में गहन समीक्षा’ करने का निर्देश दिया. यहां जारी एक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि राज्य के बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं.
कांग्रेस ने उठाए सवाल
दूसरी ओर कांग्रेस ने देश में कोयले की कमी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और आशंका जतायी कि पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद अब बिजली की दरें बढ़ाई जा सकती हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कोयले की कमी की जांच की मांग की. रमेश ने ट्वीट किया, ‘अचानक हम बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में संकट के बारे में सुन रहे हैं. क्या एक विशेष निजी कंपनी इस संकट से लाभ उठाने के प्रयास में है? लेकिन कौन जांच करेगा.’ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह उनके ‘दोस्तों’ के फायदे के लिए ‘मोदी निर्मित बिजली संकट’ है.
सुरजेवाला ने एक ट्वीट में कहा, ‘प्यारे देशवासियों, तैयार हो जाएँ. पेट्रोल के बाद जेब पर गिरेगी, बिजली की क़ीमत. कोयले की आपूर्ति में भारी क़िल्लत कर दी है. साथ ही, बिजली नीति संशोधित कर दी. संशोधन के बाद साहेब और ‘उनके मित्र’ मनमर्ज़ी रुपये/ यूनिट बिजली बेचेंगे. ज़ोरदार विनाश उफ्फ, विकास!’
कोल इंडिया ने बिजली संयंत्रों को कोयला आपूर्ति बढ़ाकर 15.1 लाख टन प्रतिदिन की
वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. ने सोमवार को कहा कि उसने चालू महीने के पिछले चार दिनों में देश भर में बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति को बढ़ाकर 15.1 लाख टन प्रति दिन कर दिया है. कंपनी ने कहा कि वह कोयले के परिवहन के लिए पर्याप्त निकासी इंतजाम कर रही है. देश में कोयले की कमी के कारण बिजली संकट की चेतावनी वाली रिपोर्टों के बीच कोल इंडिया का यह बयान महत्वपूर्ण है.
कंपनी ने कहा, ‘अधिक कोयला की मांग बढ़ने के साथ, त्वरित आवश्यकता को देखते हुए कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने त्योहार से पहले अक्टूबर के पिछले चार दिनों के दौरान देश के बिजली उत्पादक संयंत्रों को प्रति दिन 15.1 लाख टन की आपूर्ति की.’ अक्टूबर के दौरान कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों की औसत आपूर्ति अब तक 14.3 लाख टन प्रति दिन रही है. यह अब पिछले चार दिनों में बढ़कर 15.1 लाख टन हो गई है.