इमरान सरकार का गिरना तय तो क्या सेना नाराज है?
सहयोगी दल ने कहा- PM खुद जाकर सांसदों को मनाएं, ऐसा नहीं हुआ तो सरकार बचाना नामुमकिन
इमरान खान सरकार के लिए बुरा वक्त शुरू हो चुका है और वो चंद दिनों की मेहमान है। यह दावा सरकार में शामिल पाकिस्तान मुस्लिम लीग- कायद (PML-Q) के चीफ चौधरी परवेज इलाही ने किया है। इलाही ने कहा- मैं मानता हूं कि यह सरकार 100% मुश्किल में है और अब इसे बचाना बहुत मुश्किल है। अगर प्रधानमंत्री खुद जाकर अपने सांसदों को मना लेते हैं तो शायद सरकार कुछ दिन और चल जाए, वरना इसका गिरना तय है।
पाकिस्तान में विपक्ष इमरान सरकार के खिलाफ नो कॉन्फिडेंस मोशन ला चुका है। इस पर 28 मार्च को वोटिंग होनी है। तमाम मीडिया में इस तरह की खबरें हैं कि इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के करीब 18 से 20 सांसद अपनी ही सरकार के खिलाफ वोटिंग करने वाले हैं।
क्या कहा इलाही ने
चौधरी परवेज इलाही को पाकिस्तान के सबसे बड़े नेताओं में से एक माना जाता है। वो पंजाब प्रांत से आते हैं और उनकी पार्टी के पांच सांसद इस वक्त इमरान सरकार को समर्थन दे रहे हैं। पंजाब प्रांत में इस वक्त इमरान की पार्टी की सरकार है और यहां भी इलाही के कुछ विधायक सरकार को समर्थन दे रहे हैं। मीडिया में खबरें हैं कि इमरान के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार की कुर्सी भी जाना तय है।
परवेज इलाही ने इस तरफ इशारा भी कर दिया है। उन्होंने कहा- इमरान को अब बाहर निकलकर अपने सहयोगी दलों के पास जाना होगा। अब घमंड और बदजुबानी या फिर डरा-धमकाकर काम नहीं चलेगा। उन्हें अपने सहयोगियों को मनाना होगा। अगर ये नहीं हुआ तो सरकार को कोई नहीं बचा पाएगा।
चौधरी परवेज इलाही को पाकिस्तान के सबसे बड़े नेताओं में से एक माना जाता है। उनकी पार्टी के पांच सांसद इस वक्त इमरान सरकार को समर्थन दे रहे हैं।
इमरान से नाराज हैं उनके ही सांसद
परवेज ने वही बात कही जो कई दिन से मीडिया में आ रही हैं। उन्होंने कहा- अब यह कोई छिपाने वाली बात नहीं है कि सरकार कैसे चलेगी। इस बात में कोई दो राय नहीं कि इमरान की खुद की पार्टी के ढेर सारे सांसद नाराज हैं और ये भी 28 मार्च को सरकार के खिलाफ वोटिंग करेंगे। खान जब अपनी ही पार्टी को नहीं संभाल पा रहे तो सहयोगियों को कैसे संभालेंगे। आज जब सरकार पर संकट आया है तो खान कई तरह की बातें कर रहे हैं और सांसदों को लुभाने के लिए तमाम वादे कर रहे हैं। सवाल यह है कि चार साल से वो क्या कर रहे थे। तब क्यों उन्हें सहयोगियों को ख्याल नहीं आया।
इमरान सरकार के पास फिलहाल 179 सांसदों का समर्थन है। बहुमत के लिए 172 सांसदों की जरूरत होती है। सहयोगी दलों के 7 सांसद इस सरकार को समर्थन दे रहे हैं।
इमरान सरकार के पास फिलहाल 179 सांसदों का समर्थन है। बहुमत के लिए 172 सांसदों की जरूरत होती है। सहयोगी दलों के 7 सांसद इस सरकार को समर्थन दे रहे हैं।
कहां फंसेंगे खान
‘द डॉन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान सरकार के पास फिलहाल 179 सांसदों का समर्थन है। बहुमत के लिए 172 सांसदों की जरूरत होती है। सहयोगी दलों के 7 सांसद इस सरकार को समर्थन दे रहे हैं। खबरों के मुताबिक, 18 से 20 सांसद ऐसे हैं जो विपक्ष के साथ जाने को तैयार बैठे हैं, क्योंकि उन्हें इमरान के साथ भविष्य नजर नहीं आता। अगर ऐसा होता है तो विपक्ष की कुल संख्या 200 के करीब हो जाएगी और सरकार के पास 160 से भी कम सांसद बचेंगे। ऐसे में सरकार का गिरना तय है।