हरियाणा के ‘गब्बर’ अनिल विज की धमक का असर, भ्रष्टाचारी ने लौटाई रकम
- गुरुग्राम -गब्बर अनिल विज का ख़ौफ़
- निगम के अकाउंट में पैसा किया गया जमा -सूत्र
- पीडब्लूडी की सड़क ,निगम के खजाने से गया पैसा
- सड़क बनी भी नही ,निगम ने कर दी पूरी पेमेंट
- लगभग एक करोड़ चौहत्तर लाख रुपए कि की गई थी पेमेंट
- मामला उजागर होने के बाद ठेकेदार ने लौटाई रकम वापिस
- अधिकारियों की मिलीभगत से की गई थी पेमेंट
- नगर निगम की विजिलेंस विंग कर रही है जांच
- आखिर कौन कौन अधिकारी है इस पूरे मामले में शामिल ?
- शहरी स्थानीय निकाय अनिल विज के विभाग में भ्र्ष्टाचार पर लगेगी लगाम ?
- गुरुग्राम नगर निगम में भ्र्ष्टाचार चरम पर
- ऐसे कितने मामले में ठेकेदारों को की गई है पेमेंट ?
- क्या नगर निगम में हो रहे भ्र्ष्टाचार मामलों से उठेगा पर्दा ?
पीडब्ल्यूडी की सड़क और निगम कर रहा अपने खजाने से पैसा खर्च। जी हां यह साइबर सिटी गुरुग्राम के नगर निगम में इस मामले का खुलासा हुआ है। जब निगम सदन की बैठक में एक पार्षद द्वारा यह मामला उठाया गया कि बजघेड़ा गांव में एक सड़क का लगभग 1 करोड़ 74 लाख रुपए का निगम ने भुगतान कर दिया है और उन्हें मालूम भी नहीं है कि सड़क बनी है या नहीं ।
अनिल विज को गब्बर यू ही नही कहते है। अनिल विज का ख़ौफ़ गुरुग्राम नगर निगम में देखने को मिला । गब्बर के विभाग से लगभग एक करोड़ चौहत्तर लाख की पेमेंट करने के बाद वापिस आ गई। जब अधिकारियों ने ठेकेदार की मिलीभगत से पीडब्ल्यूडी की सड़क का नगर निगम से भुगतान कर दिया । बेशक गब्बर अंबाला में बैठे हो लेकिन गुरुग्राम नगर निगम के अधिकारियों में गब्बर का ख़ौफ़ लगातार बना रहता है। वही सड़क बनी नही है और निगम के अधिकारियों ने पूरी पेमेंट ही कर दी । जबकि पेमेंट पीडब्लूडी विभाग ने करनी थी। ऐसे में अधिकारियों की मिलिभगत से नगर निगम ने यह पेमेंट ठेकदार को दे दी। वही अब मेयर साहिबा ने कहा कि जिस भी अधिकारी ने यह पेमेंट करवाई है। उसके खिलाफ संख्त कार्यवाही की मांग की है । सूत्रों ने बताया कि अब आनन फानन में उस पेमेंट को नगर निगम के अकाउंट में जमा भी कर दिया गया ।
ईमानदारी की दुहाई देने वाली भाजपा सरकार के राज में गुरुग्राम नगर निगम में करोड़ों रुपए का गबन किया जा रहा है। मामला उजागर होने के बाद अधिकारियों ने उस पेमेंट को ठेकेदार से वापिस नगर निगम के अकाउंट में जमा तो करा दिया लेकिन ऐसी कितनी सड़कें हैं, जिस पर इस तरह से गोलमाल किया गया है क्योंकि गुरुग्राम नगर निगम का बजट सालाना 1700 करोड रुपए का है। ऐसे में गुरुग्राम में सड़के रोजाना बनती रहती है। क्या अब वह सड़कें केवल कागजों में दिखाई दे रही है या फिर हकीकत में वह सड़के बनती है। इसका खुलासा होना अभी बाकी है। अब इस मामले को खुलासा होने के बाद कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स ने सरकार पर सवालिया निशान खड़े किए है और कहा है कि निगम में जो अधिकारी काफी पुराने लगे हुए है और अब वह मोटे ताजे हो गए है। ऐसे मे उनकी सीबीआई जांच होनी चाहिए और यह मामला विधानसभा में भी सरकार से पूछा जाएगा ।
वहीं इस मामले में जांच कर रहे नगर निगम के विजिलेंस हेड अमरदीप जैन ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और जो भी दोषी होगा उसके ऊपर कार्यवाही की जाएगी। हमने इस मामले में सभी को नोटिस दे दिए हैं चाहे वह अकाउंट डिपार्टमेंट हो या इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट । सभी की कार्यवाही की जा रही है और सुना है कि ठेकेदार ने पेमेंट अकाउंट में जमा करा दी है ऐसे में सवाल उठता है कि अब अधिकारियों पर भ्रष्टाचार तो सिद्ध हो गया है लेकिन कार्यवाही क्या होती है।
शहरी निकाय विभाग में मंत्री अनिल विज के आने से अधिकारियों में बेशक खौफ हो लेकिन अनिल विज के आने से गुरुग्राम नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है और पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है।ऐसे में विभागों में हो रही लूट का सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा या गब्बर इस मामले में कोई एक्शन लेंगे ।
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