महबूबा और उमर ने लगाया हिरासत के इस ‘झूठ’ का आरोप
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 कमज़ोर होने के बाद से नज़रबंद पूर्व मुख्मंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है। इस ट्वीट में कश्मीर को लेकर अधिकारियों की ओर से जारी हर बयान को सफेद झूठ बताया गया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बंद होने के बाद से ही महबूबा मुफ्ती का ट्विटर अकाउंट उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती चला रही हैं।
मेहबूबा मुफ़्ती के ट्विटर हैंडल के इस ट्वीट में कहा गया है कि कुछ नेताओं को हिरासत से छूट ऐसे मिली है, जिन्हें कभी हिरासत में ही नहीं लिया गया था। दरअसल कुछ नेताओं की नजरबंदी हाल ही में खत्म की गई थी, जिन्हें माना जाता है कि वे सरकार समर्थक हैं। प्रशासन की तरफ से नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (J&K NPP) जैसे राजनीतिक दलों के नेताओं को जम्मू में मुक्त कर दिया गया था। इनमें NC के देवेंद्र राणा व एसएस सलाथिया, कांग्रेस के रमन भल्ला और पैंथर्स पार्टी के नेता हर्षदेव सिंह की नजरबंदी समाप्त कर दी गई।
कश्मीर के नेता नज़रबंद
गौरतलब है कि अगस्त के पहले हफ्ते में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के साथ ही घाटी के कई नेताओं, अलगाववादियों, कार्यकर्ताओं और वकीलों को हिरासत में लिया गया था। इसके 2 महीने बाद प्रशासन की तरफ से जम्मू के नेताओं को छूट दी गई है। लेकिन कश्मीर घाटी के नेता अभी भी नज़रबंद हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, फारुक अब्दुल्ला, सज्जाद लोन जैसे बड़े नाम शामिल हैं। बता दें कि मेहबूबा मुफ़्ती को नज़रबंद किए जाने के कुछ दिन बाद ही उनकी बेटी की तरफ से बयान आया था जिसमे उन्होंने कश्मीर के हालात नाज़ुक बताए थे। हालाँकि दो माह बाद प्रशासन ने घाटी में हालात समान्य बताते हुए कई प्रतिबन्ध हटा दिए हैं।