गोरखपुर में बीच शहर बारूद का जखीरा:आधी रात टीम ने मारा छापा,
30 लाख से ज्यादा कीमत के पटाखे मिले; बड़ा सवाल- कैसे मिला लाइसेंस
गोरखपुर में जिला प्रशासन की टीम ने सोमवार को छोटे काजीपुर में एक गोदाम पर छापा मारा। यहां विस्फोटक का जखीरा बरामद हुआ है। जिसकी कीमत 30 लाख रुपए से अधिक की आंकी गई है। अभी भी गिनती चल रही है। कीमत बढ़ भी सकती है। गोदाम पटाखा कारोबारी सद्दन खान का है। इसके पास लाइसेंस भी है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि घनी आबादी के बीच विस्फोटक स्टोर करने के लिए गोदाम को लाइसेंस कैसे दे दिया गया। अब अफसर जांच का हवाला दे रहे हैं।
एडीएम सिटी विनय सिंह का कहना है कि शहर के लिए लाइसेंस का कोई प्रावधान नहीं है। उसका लाइसेंस किस आधार पर बना है, इसकी जांच कराई जाएगी। बता दें कि सद्दन खान का यह वही गोदाम है, जहां वर्ष 1999 में पटाखों के गोदाम में आग लगी थी। इस आग पर काबू पाने के लिए प्रशासन को तीन दिनों का वक्त लगा था।
डीएम विजय किरन आनंद को शहर के अवैध पटाखों के गोदाम की जानकारी मिली थी।
रात एक बजे से डेरा डाल रखी थी टीम
डीएम विजय किरन आनंद को शहर में अवैध पटाखों के गोदाम होने की जानकारी मिली थी। उन्होंने कार्रवाई की जिम्मेदारी एडीएम सिटी विनय सिंह को सौंपी। तभी से एडीएम सिटी की टीम अवैध पटाखों के भंडाफोड़ करने में लगी थी। रविवार की रात करीब एक बजे एडीएम सिटी की टीम सद्दन खान के छोटेकाजीपुर स्थित मकान और नखास स्थित ‘ओसामा एंड कंपनी’ के गोदाम पर पहुंची। एडीएम सिटी ने पुलिस और टीम दोनों जगहों पर तैनात कर दी। सुबह होते ही छोटेकाजीपुर स्थित आवास से पटाखों का जखीरा पकड़ा गया।
पटाखों की गिनती में लग सकता है 12 घंटे
पुलिस के मुताबिक, पटाखे इतनी अधिक मात्रा में हैं कि उनकी गिनती कराने में 12 घंटे से अधिक समय लग सकता है। वहीं, अन्य अधिकारी अब तक डीएम को गुमराह करते रहे कि शहर में कहीं भी अवैध पटाखों की बिक्री नहीं हो रही है। जो भी सूचनाएं आ रही हैं, वो पूरी तरह गलत हैं। लेकिन, एडीएम सिटी की टीम ने इस अवैध कारोबार का भंड़ाफोड़ कर पटाखा कारोबारियों से मिलीभगत करने वाले अधिकारियों की भी पोल खोल कर रख दी।
किस आधार पर जारी हुआ लाइसेंस, करेंगे जांच
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और एसडीएम सदर कुलदीप मीणा ने बताया कि सद्दन खान के छाटे काजीपुर स्थित गोदाम पर आयशा नाम पर पटाखों का लाइसेंस है। पार्ट वन शेड्यूल कोर एक्सपेंसिव एक्ट के तहत लाइसेंस बनता है। फायर वर्क्स 300 किलोग्राम और स्पार्कलर्स 1200 किलोग्राम रखने की परमिशन थी।
एसपी सिटी के साथ रात में ही निरीक्षण किया गया था। कुलदीप मीणा ने बताया कि सुबह से ही टीम लगा रखी थी। पटाखे बरामद हुए हैं। बरामद पटाखों का सत्यापन कराया जा रहा है। क्योंकि जहां के लिए लाइसेंस जारी है। पटाखे वहीं मिले हैं। घनी आबादी के लिए किस आधार पर लाइसेंस जारी किए गए। इसके लिए संबंधित विभाग से संपर्क किया गया है। शाम तक सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा।
यहां भी चल रहा कारोबार
नौसढ़ पर चल रही आधा दर्जन अवैध पटाखों की फैक्ट्री।चिलुवाताल के बरगदवा और मोहरीपुर में खुलेआम सड़क पर चल रही पटाखा फैक्ट्री।गोरखनाथ इलाके के रसूलपुर में भी बन रहा देसी बम।कोतवाली इलाके के शाहमारूफ में कई जगहों पर चल रहा पटाखों का कारोबार।राजघाट इलाके के तुर्कमानपुर, रायगंज और पांडेय हाता के कई घरों में भरा पड़ा है पटाखा।राजघाट बंधे पर हैं अवैध पटाखों के कई गोदाम।गीडा इलाके के नौसड़ पर कई अवैध पटाखों के गोदाम।रामगढ़ताल इलाके के चिलमापुर में भरा है अवैध पटाखा।गोरखनाथ इलाके के हुमायुपुर में कई गोदामों में भरा पड़ा है अवैध पटाखा।
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