IITian बाबा के पिता का आया बयान जताई नाराज़गी
IITian, भारतीय तकनीकी शिक्षा का प्रतिष्ठित संस्थान, से शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को समाज में विशेष सम्मान प्राप्त होता है।
IITian, भारतीय तकनीकी शिक्षा का प्रतिष्ठित संस्थान, से शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को समाज में विशेष सम्मान प्राप्त होता है। इसी प्रतिष्ठित संस्थान से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाले अभय सिंह, जिन्हें आज ‘IITian बाबा’ के नाम से जाना जाता है, ने अपने जीवन को एक नई दिशा दी है। अभय सिंह, जो हरियाणा के झज्जर जिले के सासरौली गांव से आते हैं, ने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद तकनीकी क्षेत्र में एक उज्जवल करियर की ओर बढ़ने के बजाय अध्यात्म की ओर रुख किया।
अभय सिंह का जीवन और शिक्षा
अभय सिंह का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। बचपन से ही उनकी पढ़ाई में गहरी रुचि थी और उनके लिए IIT एक स्वप्न की तरह था। उन्होंने कड़ी मेहनत और संघर्ष के साथ IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। शिक्षा के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियां उन्हें समाज में एक आदर्श के रूप में स्थापित करती थीं।
IITian बाबा बनने की यात्रा
लेकिन जब अभय सिंह ने अपना जीवन अध्यात्म को समर्पित करने का निर्णय लिया, तो यह उनके परिवार और समाज के लिए एक बड़ा आश्चर्य था। उन्होंने समझा कि जीवन का उद्देश्य केवल भौतिक सफलता नहीं है, बल्कि आत्मिक शांति और साधना भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। इसके बाद अभय सिंह ने एक गुरु के मार्गदर्शन में ध्यान और साधना की ओर रुख किया। वह धीरे-धीरे ‘IIT बाबा’ के नाम से पहचाने जाने लगे।
अभय सिंह ने अपने नए जीवन में मानसिक शांति और संतुलन को प्राथमिकता दी और इसे दूसरों तक फैलाने का कार्य किया। वह नियमित रूप से ध्यान सत्र आयोजित करते हैं और लोगों को मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की दिशा में मार्गदर्शन देते हैं। उनकी कथाएं और विचार सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से फैलने लगे, जिससे उन्हें एक अलग पहचान मिली।
परिवार की प्रतिक्रिया
अभय सिंह के इस अध्यात्मिक बदलाव से उनके परिवार में कुछ चिंता और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हुई। उनके पिता, जो हमेशा उन्हें एक सफल इंजीनियर के रूप में देखना चाहते थे, इस बदलाव से खुश नहीं थे। उनका मानना था कि अभय सिंह को अपनी तकनीकी शिक्षा का उपयोग करते हुए समाज में एक सम्मानजनक करियर बनाना चाहिए था। हालांकि, अभय सिंह ने अपने परिवार को यह समझाया कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है और उन्होंने जीवन को एक नई दिशा देने का जो रास्ता चुना है, वह भी समाज के लिए महत्वपूर्ण है।
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IITian से शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद अभय सिंह ने अध्यात्मिक जीवन को चुना और उसे अपनी पहचान बना लिया। उनका यह कदम यह सिद्ध करता है कि जीवन में सफलता का माप केवल शैक्षिक और भौतिक उपलब्धियों से नहीं, बल्कि आत्मिक संतोष और मानसिक शांति से भी किया जा सकता है। आईआईटी बाबा के रूप में अभय सिंह ने यह साबित किया कि अपने जीवन के उद्देश्य को पहचानना और उसे पूरी निष्ठा से पालन करना ही सबसे बड़ी सफलता है।