बीजेपी ने दिया टिकट तो अपर्णा यादव करहल से अखिलेश यादव के खिलाफ लड़ेंगी चुनाव
अपर्णा करहल सीट से अखिलेश यादव के खिलाफ बीजेपी के टिकट पर ठोक सकती हैं ताल
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में 2 हफ़्तों से कम का समय बचा हुआ है. वहीं लगातार अपने लिस्ट जारी कर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर रही है. ऐसे में यूपी के सबसे राजनीतिक परिवार व सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.
बीजेपी में शामिल होने के बाद अपर्णा यादव लखनऊ की कैंट सीट से दावेदार मानी जा रही हैं, लेकिन अब उन्होंने कहा कि यदि उन्हें बीजेपी करहल से टिकट देती है तो वह वहां से भी लड़ने को पूरी तरह से तैयार हैं. करहल से अपर्णा के जेठ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं.
अपर्णा यादव ने 19 जनवरी को दिल्ली में भाजपा जॉइन किया था. उन्हें दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी की सदस्यता दिलाई थी. बताया जा रहा है कि वह लखनऊ कैंट से टिकट नहीं मिलने से अखिलेश से नाराज थीं.
करहल से अखिलेश के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार अपर्णा
करहल में 1989 से सपा का दबदबा रहा है. 2017 में भी यहां सपा के प्रत्याशी सोवरन सिंह यादव की जीत हुई थी. करहल यादव बाहुल्य सीट है. इस सीट पर भाजपा महज एक बार 2002 में ही जीत दर्ज कर पाई है. अपर्णा यादव ने 2017 में सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी से चुनाव हार गई थीं.
2017 से अब तक वह कैंट इलाके में एक्टिव हैं. वहां के कार्यक्रमों में शामिल होती हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि उनका प्रबल दावा कैंट सीट पर ही है, लेकिन कैंट पर बीजेपी के दिग्गजों की नजर है, ऐसे में माना ये भी जा रहा है कि बीजेपी अपर्णा को चुनाव ना लड़ाकर एमएलसी बना देगी. या ऐसे भी हो सकता है अपर्णा बीजेपी उम्मीदवार बनाकर करहल सीट से अखिलेश यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर जाएं.
शादी और प्यार दोनों अपर्णा ने अपने मर्जी से की
अपर्णा ने जब शादी को तो अपनी मर्जी से की, मुलायम सिंह और साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक से उन्हें प्यार हुआ. लंबे टाइम तक डेट करने के बाद दोनों ने शादी कर ली. सपा में रहते हुए अपर्णा ने पीएम मोदी और सीएम योगी के कामकाज की तारीफ भी की हैं. कान्हा उपवन में वह सीएम योगी के साथ नजर आईं. परिवार में जब कलह मची तो वह ज्यादातर शिवपाल सिंह के पक्ष में खड़ी नजर आईं. अपर्णा अपने फैसले खुद लेती हैं और अब वह अब भाजपाई हो चुकी हैं.