ICMR-कोरोना को मात दे चुके लोगों के लिए कोवैक्सीन की एक डोज़ ही काफी
नई दिल्ली. देश में लोगों को कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाने के लिए बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान (Corona Vaccine) चलाया जा रहा है. इस दौरान लोगों को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सिन (Covaxin) की दो-दो डोज दी जा रही हैं. इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि जो व्यक्ति पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुका है, उसे दी जाने वाली कोवैक्सिन की एक डोज से मिलने वाली एंटीबॉडी प्रतिक्रिया गैर संक्रमित रहे व्यक्ति को मिलने वाली दो डोज के लाभ के बराबर फायदा दे सकती है.
आईसीएमआर के हवाले से कहा गया है कि अगर बड़ी जनसंख्या के अध्ययनों पर हमारे प्रारंभिक नतीजे साबित होते हैं तो पहले सार्स सीओवी-2 वायरस से संक्रमित हो चुके व्यक्ति को बीबीवी152 वैक्सीन की एक खुराक दिए जाने का सुझाव दिया जा सकता है. ताकि लोगों को सीमित वैक्सीन आपूर्ति का बड़ा लाभ दिया जा सके.
इस शोध के दौरान फरवरी से मई 2021 के बीच चेन्नई के टीकाकरण सेंटर्स में कोवैक्सिन वैक्सीन लगवा 114 हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के ब्लड सैंपल्स की जांच की गई. इस शोध में पता चला कि पहले सार्स सीओवी-2 से संक्रमित लोगों में वैक्सीन से बनी बेहतर एंटीबॉडी प्रतिक्रियाएं देखी गईं. हालांकि दो लोगों में ऐसा नहीं दिखा. इन लोगों को बीबीवी152 वैक्सीन की एक डोज मिली थी, जो संक्रमित हो चुके लोगों को दी गई वैक्सीन की डोज के बाद दिखी एंटीबॉडी प्रतिक्रिया के बराबर थी.
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि देश में अभी तक कोविड-19 के टीकों की कुल 63 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है. शनिवार शाम 7 बजे जारी अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को कोविड-19 रोधी टीके की 65 लाख से अधिक खुराकें दी गईं.
मंत्रालय ने कहा कि दिन की अंतिम रिपोर्ट देर रात तक संकलित कर ली जाएगी. मंत्रालय ने कहा कि सबसे जोखिम वाले जनसंख्या समूहों को कोविड-19 से बचाने के एक साधन के रूप में देश में टीकाकरण कवायद की नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जा रही है.