गोरखपुर : मैंने एक अच्छा इंसान के साथ ही एक अच्छा दोस्त खोया है -कपिल मुनि यादव
गोरखपुर, जिले में आज हिंदू महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत बच्चन (Ranjeet bachchan) जी के परम मित्र कपिल मुनि यादव (Kapil muni yadav) ने बताया वह एक अच्छे मित्र थे और अच्छे मित्र के साथ एक अच्छे इंसान भी थे । आज समाज में एक अच्छे मित्र के साथ ही एक अच्छा व्यक्ति खो दिया है। इस मामले में सीधा दोषी प्रदेश सरकार कि कानून व्यवस्था है अधिकारी सुनते नहीं है और फरियादियों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है । यदि आज ध्यान दिया गया तो लखनऊ पुलिस द्वारा तो कमलेश तिवारी के बाद दूसरी घटना ऐसी लखनऊ में नहीं घटती। मामले की जांच करके दोषियों को सख्त सख्त सजा देनी चाहिए । लखनऊ के हजरतगंज में बदमाशों की गोली का शिकार हुए अंतरराष्ट्रीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष रणजीत उर्फ रंजीत बच्चन हर समय चर्चा में बने रहने की कोशिश करते थे। वर्ष 2002 से 2009 के बीच भूटान, बंगलादेश, नेपाल और बर्मा बार्डर तक 1.32 लाख किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर काफी चर्चित हुए थे। साइकिल यात्रा के दौरान उनका जुड़ाव समाजवादी पार्टी से था। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही खुद को वह हिंदू नेता के तौर पर स्थापित करने में जुटे थे।
गोरखपुर में आश्रम बनवाने की कर रहे थे तैयारी
मूल रूप से गोला क्षेत्र में अहिरौली गांव के लाला टोले के रहने वाले तारा लाल श्रीवास्तव के पुत्र रणजीत बच्चन चार भाइयों में सबसे छोटे थे। गोरखपुर में शाहपुर क्षेत्र के कृष्णानगर प्राइवेट कालोनी में बड़े भाई का घर है। गोरखपुर में उन्हीं के साथ रहते थे। गुलरिहा क्षेत्र के पतरका टोले में चार साल पहले उन्होंने जमीन खरीदा था। उस जमीन पर अनाथ आश्रम बनवाने की घोषणा की थी। उस समय तत्कालीन डीएम से इसका शिलान्यास भी कराया था, लेकिन बाद में प्रदेश से सपा सरकार की विदाई होने के बाद अनाथ आश्रम की जगह अतिथि भवन का निर्माण शुरू करा दिया।
सपा का प्रचार भी किया था
वर्ष 2013 में पत्नी कालिंदी बच्चन के साथ छह माह तक प्रदेश में साइकिल यात्रा कर उन्होंने समाजवादी पार्टी का प्रचार भी किया था। इसके बदले अखिलेश यादव ने उन्हें और उनकी पत्नी को पांच-पांच लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया था। बाद में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने लखनऊ के हजरतगंज में उन्हें सरकारी आवास भी आवंटित किया था।
बच्चन ने की थी तीन शादियां
रणजीत बच्चन ने तीन शादियां की थी। पहली शादी काफी पहले परिवार के लोगों ने की थी। पहली पत्नी से एक बच्चा भी है। बाद में वर्ष 2002 से 2009 के बीच साइकिल यात्रा के दौरान उनके साथ रहीं कुशीनगर जिले की कालिंदी शर्मा से उन्होंने दूसरी शादी कर ली। कुछ साल पहले लखनऊ में एक पीसीएस अधिकारी की बेटी निर्मला श्रीवास्तव से उन्होंने तीसरी शादी रचा ली। शुरू में कालिंदी शर्मा और निर्मला श्रीवास्तव के बीच काफी विवाद हुआ था, लेकिन बाद में उनके बीच सहमति बन गई और साथ रहने लगीं।
सीएए पर दिया था भड़काऊ बयान
लखनऊ में रहने के दौरान ही रणजीत बच्चन चक्रपाणि महराज के संपर्क में आकर हिंदू महासभा से जुड़ गए थे। बाद में उन्होंने विश्व हिंदू महासभा का गठन कर खुद को अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया। खुद को हिंदू नेता के तौर पर स्थापित करने के लिए उन्होने भगवा कपड़े पहनना शुरू कर दिया था। कुछ दिन पहले ही सीएए पर भड़काऊ बयान देकर काफी चर्चाओं में आए थे। उन्होंने बयान दिया था कि जो लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए।
दुष्कर्म के दो मामलों में भी फंसे थे रणजीत
गोरखपुर पुलिस ने उसके लालालोगो की अहिरौली स्थित पैतृक आवास पर पहुंच कर भी जानकारी जुटा रही है। पुलिस के मुताबिक रणजीत बच्चन ने दो शादियां की थीं। एक केस रणजीत के खिलाफ गोरखपुर के महिला थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया था।
इसके अलावा शाहपुर थानाक्षेत्र में असुरन की रहने वाली एक अन्य महिला ने भी दुष्कर्म, छेड़खानी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। दोनों मुकदमे दर्ज होने के बाद गोरखपुर की पुलिस ने उसके कथिक वृद्धाश्रम का बोर्ड भी उखाड़ दिया था।