अमेठी में जनता की आकांक्षाओं को कर रही हूं पूरा- स्मृति ईरानी
गौरीगंज तहसील पहुंची केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सबसे पहले कलेक्ट्रेट स्थित उप निबंधक कार्यालय पहुंचकर अपने आशियाने को बनाने के लिए फूलमती से मेंदन मवई गांव स्थित 10:50 विश्वा जमीन का बैनामा करवाते हुए सेल डीड की रजिस्ट्री अपने नाम करवाई। इसके उपरांत मीडिया से बात करते हुए के जीवन की स्मृति ईरानी ने कहा कि – अमेठी में सपने को साकार करने के लिए दोनों सरकारों ने भूमिका निभाई 30 साल बाद मेडिकल कॉलेज बनवाने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। अमेठी में बाईपास बने इसके लिए जनता ने मुझे से आग्रह किया था कि इस प्रोजेक्ट को मैं पास करवाऊं । सौभाग्य है कि बाईपास का काम ही नरेंद्र मोदी जी और योगी जी की सरकार में अमेठी को प्राप्त हुआ । अमेठी में सैनिक स्कूल बने इस संदर्भ में भी केंद्र और प्रदेश की सरकार के समन्वय से अमेठी मे सौगात मिली । अमेठी के इतिहास में आज तक अमेठी का सांसद अमेठी में कभी घर बना कर नहीं रहा है। आज तक मैं अमेठी में किराए के मकान पर रह रही थी । आज मेरा यह सौभाग्य है कि यहां पर आज मैं घर बनाने की प्रक्रिया शुरु कर पा रही हूं । अब तक मेरे संसदीय कार्यकाल का 2 वर्ष भी पूरा नहीं हुआ । इन डेढ़ वर्षों के अंतराल में मैं अपने दिए गए वचनों को पूरा कर पा रही हूं यह है प्रभु की कृपा और आशीर्वाद है । जमीन का आज रजिस्ट्रेशन कराया है और आशावादी हूं कि जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा । जिसमें गांव के सभी नागरिकों की इच्छा थी कि भूमि पूजन के दिन सभी लोग वहां पर आए और आशीर्वाद दें । ग्रामीण अंचल के हमारे जितने भी पदाधिकारी हैं और कार्यकर्ता हैं सभी से मैंने आग्रह किया है कि वह भूमि पूजन की तारीख तय कर हमें अवगत कराएं । जिसमें गांव के सभी लोग मौजूद रहेंगे जब लोगों ने मुझे दीदी कहा है तो जब दीदी के घर का शिलान्यास होगा तो सभी लोग मौजूद रहकर आशीर्वाद देंगे। अमेठी का जितना प्रेम और आशीर्वाद मुझे मिला है जिसमें इन लोगों की मंशा थी कि सांसद यहां पर उपलब्ध रहे। इसी के क्रम में करोना काल में हमने न्याय पंचायत वार ई चौपाल के माध्यम से लोगों की समस्याएं सुनी और निराकरण किया और यह प्रयास किया कि लोगों को जिला मुख्यालय तक न जाना पड़े। कोरोना से पहले भी न्याय पंचायत वार दीदी आपके द्वार कार्यक्रम के तहत मैं स्वयं जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ गांव गांव जाती थी । जनता के मन में जो एक प्रश्न था कि क्या अमेठी में ऐसा कभी कोई सांसद होगा जो गांव कब तक अपने संसदीय कार्यकाल में पहुंचेगा मैं उस अभिलाषा को भी पूरा कर पाई हूं।