“मैं बहुत खुश हु कि मुझे बाकी सारे आचार्यों से पहले बुलाया गया” – Jagadguru Swami Rambhadracharya

Jagadguru Swami Rambhadracharya द्वारा पवित्र स्नान करने के साथ इस महान आयोजन की भव्य शुरुआत हुई। उनके उत्साह और सरकार की व्यवस्थाओं की प्रशंसा ने आयोजन को

मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर महाकुंभ 2025 में Jagadguru Swami Rambhadracharya ने सबसे पहले पवित्र डुबकी लगाकर इस महाआयोजन की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “मैं बेहद खुश हूं क्योंकि सभी आचार्यों में सबसे पहले मैंने पवित्र डुबकी लगाई।” उनका यह बयान श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

सरकार के प्रबंधों की सराहना

Jagadguru Swami Rambhadracharya ने राज्य सरकार के प्रबंधों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि “मैं राज्य सरकार की व्यवस्था से प्रभावित हूं। इतने विशाल जनसमूह के बावजूद प्रबंधन बेहतरीन है।” महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में सरकार द्वारा किए गए प्रबंधों की तारीफ करके उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाया।

Jagadguru Swami Rambhadracharya ; श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर

Jagadguru Swami Rambhadracharya जैसे प्रतिष्ठित संत द्वारा पवित्र डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर पहुंच गया। पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान करने के लिए दूर-दूर से आए लाखों श्रद्धालु इस अद्भुत दृश्य का हिस्सा बने। श्रद्धालुओं का मानना है कि संतों के स्नान से संगम का जल और अधिक पवित्र हो जाता है।

Jagadguru Swami Rambhadracharya ; सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान

महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में भीड़ को संभालना एक बड़ी चुनौती होती है। लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी। स्नान घाटों पर पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। स्वामी रामभद्राचार्य ने इस सुरक्षा प्रबंध की भी प्रशंसा की।

महाकुंभ में पहली पवित्र डुबकी का महत्व

महाकुंभ के दौरान पहली डुबकी का विशेष महत्व होता है। यह धार्मिक आयोजन हर 12 साल में होता है, और मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले पवित्र स्नान करने का अवसर मिलना बहुत ही सौभाग्य की बात मानी जाती है। स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि इस पवित्र डुबकी से उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा की अनुभूति हुई।

आध्यात्मिक संदेश

Jagadguru Swami Rambhadracharya ने महाकुंभ में पवित्र स्नान के बाद श्रद्धालुओं को एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि “महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह मानवता और प्रकृति के बीच समन्वय का प्रतीक है।” उनका संदेश श्रद्धालुओं के बीच गूंज उठा और उन्होंने इस संदेश को आत्मसात करने का संकल्प लिया।

Jagadguru Swami Rambhadracharya

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महाकुंभ 2025 के पहले दिन Jagadguru Swami Rambhadracharya द्वारा पवित्र स्नान करने के साथ इस महान आयोजन की भव्य शुरुआत हुई। उनके उत्साह और सरकार की व्यवस्थाओं की प्रशंसा ने आयोजन को और भी खास बना दिया। श्रद्धालु अब महाकुंभ के आने वाले दिनों में होने वाले अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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