नन्हे मेहमान का स्वागत:बेबी वेलकम के जुड़ी पांच बातें प्रेग्नेंसी को बनाती हैं खास, इसे ऐसे बनाएं यादगार
प्रेग्नेंसी हर महिला की जिंदगी का सबसे खास अनुभव होता है। अपने बच्चे को गर्भ में महसूस करने से लेकर प्रेग्नेंसी में उससे बातें करना, उसकी हरकतों को महसूस करना और जन्म के बाद बच्चे को अपनी आंखों के सामने बड़े होते देखना, ये सारे सुख सिर्फ महिला को ही मिलते हैं, इसीलिए मातृत्व सुख को इतना महत्व दिया जाता है। प्रेग्नेंसी और बेबी के जन्म की खुशी को यादगार बनाने के लिए साइकोलॉजिस्ट और हेल्थ काउंसलर नम्रता जैन बता रही हैं वो पांच खास बातें, जो प्रेग्नेंसी को स्पेशल बनाती हैं।
1. यादों की डायरी बनाएं
मां बनने का एहसास बहुत खास होता है। इसे यादगार बनाने के लिए अपने एहसास, अनुभव और उम्मीदों को डायरी में लिखें। बेबी के जन्म के बाद उसने कब करवट लेना शुरू किया, कब बैठना सीखा, कब पहला कदम रखा, पहला शब्द क्या बोला, उसका पहला दांत कब आया, ये तमाम यादें आपकी डायरी को खास बनाएंगी। आगे जब भी आप इस डायरी को देखेंगी, तो आपको अपनी प्रेग्नेंसी और बेबी से जुड़ी सभी बातें याद आ जाएंगी और आप बहुत अच्छा महसूस करेंगी। इस डायरी को लिखते समय पार्टनर की मदद भी लें, ताकि आप दोनों के यादगार अनुभव इसमें कैद हो जाएं।
2. बेबी नर्सरी प्लान करें
घर में बेबी का स्वागत करने के लिए क्यूट सी नर्सरी बनाएं। इसे आप पहले ही सजाकर रख लें। इसके लिए आप पार्टनर की मदद भी ले सकती हैं, ताकि आप दोनों अपनी पसंद से नर्सरी को सजा सकें। रंग-बिरंगे छोटे-छोटे खिलौने, फ्लोरल मोटिफ बेबी नर्सरी को खूबसूरत बनाएंगे।
3. शेयर करें खुशी की खबर
बेबी के आने की खबर आप कैसे शेयर करना चाहती हैं, ये भी पहले ही तय कर लें, ताकि बाद में आपको किसी तरह का समझौता न करना पड़े। बेबी के आने की खबर सबसे शेयर करने के लिए सुंदर ई कार्ड खुद डिजाइन करें या एक्सपर्ट से बनवाएं और परिवार व मित्रों के साथ इसे व्हाट्सएप पर शेयर करें।
4. पार्टनर के साथ प्लानिंग
बेबी वेलकम की सारी प्लानिंग पार्टनर के साथ मिलकर करें, ताकि प्लानिंग में कोई कमी न हो और आप दोनों अपने सारे अरमान मिलकर पूरे कर सकें। आप दोनों की पसंद अलग हो सकती है इसलिए बेबी वेलकम को लेकर दोनों की प्लानिंग भी अलग हो सकती है, ऐसे में मतभेद में उलझने के बजाय दोनों की पसंद को ध्यान में रखते हुए तैयारी करें।
5. बेबी बम्प से बातें
मां और बच्चे का रिश्ता दुनिया के किसी भी रिश्ते से नौ महीने बड़ा होता है, क्योंकि मां के गर्भ से ही मां और बच्चे का रिश्ता जुड़ जाता है इसलिए इस रिश्ते की अहमियत को समझें और प्रेंगेंसी में अपने गर्भस्त शिशु से खूब बातें करें। बेबी से बातें करने के लिए बेबी बम्प को सहलाएं, बेबी के मूवमेंट को महसूस करें और हर स्टेज की फोटो लेकर अपनी प्रेग्नेंसी को यादगार बनाएं।
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