सावधान! अब युवाओं को भी डस रहा है मधुमेह, ऐसे बचें
मधुमेह, सुनने में बिलकुल मीठा ये शब्द आपकी ज़िन्दगी को फीका-कड़वा करने के लिए काफी है। आज के दौर में जीवनशैली के कारण हो रहे रोगों में से एक है मधुमेह। मधुमेह (diabetes) जहाँ पहले केवल उम्रदराज लोगों की परेशानी होता था वहीं आजकल ये युवाओं में भी पाया जाने लगा है। वक़्त के साथ डायबिटीज जानलेवा हो जाता है। डायबिटीज को आम भाषा में शुगर की समस्या कहा जाता है। हालाँकि मनुष्य को अपनी चपेट में लेने के बाद शुगर की बीमारी इन्सान का शुगर इन्टेक बंद करा देती है। आइये जानते हैं, कैसे बच सकते हैं डायबिटीज के महारोग से।
क्यों होता है शुगर (मधुमेह)
किसी भी कार्य को करने के लिए शरीर में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। शरीर इस ऊर्जा के लिए खाने में मौजूद ग्लूकोज़ से करता है। खाने से ग्लूकोस लेकर इन्सुलिन नामक हार्मोन ग्लूकोज़ को रक्त में बहाकर शरीर की कोशिकाओं में पहुंचकर उन्हें ऊर्जा प्रदान करता है। शरीर में इन्सुलिन का उत्पादन अग्न्याशय (pancreas) के द्वारा होता है। मधुमेह रोगी शरीर में उपलब्ध ग्लूकोज़ का पूरा उपयोग नही कर पाता है। इसका कारण है अग्नाशय द्वारा इन्सुलन का न बना पाना। मधुमेह, चयापचय विकार (Metabolic Disorder) है। रक्त में ग्लूकोज़ की बढ़ी हुई मात्रा का अगर सही समय पर उपचार नही किया जाये तो यह शरीर के महत्वपूर्ण अंगो के लिए काफी नुकसानदायक होती है।
मधुमेह के लक्षण
अत्यधिक प्यास लगना और बार बार पेशाब आना: यह मधुमेह होने का पुख्ता लक्षण हैं। रक्त में अतिरिक्त शुगर की उपस्थिति के कारण गुर्दे रक्त को साफ़ करने के लिए अधिक काम करने लगते हैं और मूत्र के द्वारा अतिरिक्त शुगर को शरीर से बाहर निकलते हैं। इस कारण बार बार पेशाब आता है और अत्यधिक प्यास लगती है।
वजन कम होना या बहुत ज़्यादा होना।
जख्मों का जल्दी नही भरना और बार बार संक्रमण से प्रभावित होना।
थकान महसूस होना: कोशिकाओं में ग्लूकोज़ नही पहुंचने के कारण शरीर को ऊर्जा आपूर्ति पूरी तरह से नही हो पाती है और मधुमेह का रोगी हमेशा थकान महसूस करता है।
धुंधला दिखना या आँखों की दृष्टि कमज़ोर होना: रक्त में अतिरिक्त शुगर की उपस्थिति के कारण आँखों की कोशिकाओं में रक्त आपूर्ति पर असर पड़ता है और धीरे धीरे आँखे प्रभावित होने लगती हैं।
पैरो और हाथों में झनझनाहट होना।
मसूड़ों में सूजन।
डायबिटीज के मुख्य कारण
मधुमेह रोग मुख्य रूप से मोटापे और बेकार जीवनशैली की वजह से होता है। अत्यधिक खाना, जंक फ़ूड या तेलीय पदार्थ ज़्यादा खाना, कसरत की कमी, मोटापा आदि इसकी मुख्य वजह है। इसके अलावा कई बार डायबिटीज माँ द्वारा बच्चे को अनुवांशिक मिल जाता है। अगर माँ डायबिटीज से ग्रस्त है और गर्भ से है तो ऐसे में बच्चे को डायबिटीज होने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में दवाइयों और कुछ परहेज से बच्चे को डायबिटीज ग्रस्त होने से बचाया जा सकता है।
डायबिटीज से कैसे बचे
मधुमेह या डायबिटीज से बचाव का सबसे बढ़िया उपाय है कि आप एक अच्छी और स्वस्थ जीवनशैली अपनाए। इसके साथ ही आप इन बातों का ध्यान रखकर खुद को डायबिटीज की परेशानी से बच सकते हैं:
प्रतिदिन एक घंटा व्यायाम जरूर करें।
हर थोड़े दिन बाद मधुमेह का टेस्ट करें। रक्त में शुगर की मात्रा का ध्यान रखें।
अपने खाने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को ध्यान में रखना।
अपने खानपान का ध्यान रखें। अत्यधिक तेलीय, चटपटा और जंकफूड खाने से परहेज रखें।
रक्तचाप (Blood Pressure) कम होने पर मत्वपूर्ण जानकारी का ध्यान रखना।
पानी ठीक मात्रा में पीते रहे।
शारीरिक गतिविधियां करते रहे।
पाचन तंत्र को मज़बूत रखें।
योग आसन
मधुमेह में ये योगासन लाभदायक होते हैं:
प्राणायाम
सेतुबंधासन
बालासन
वज्रासन
सर्वांगासन
मंडकासन