चोट से घायल प्रणीथ ने कैसे ओलम्पिक जीता, सुने ख़ुद की ज़ुबानी
10 अगस्त 1992, Hyderabad!
एक private company मेंकार्यरर्य त माधवी लता और दिक्षितुलु शेशाद्री के घर मेंएक लड़का पैदा हुआ।
बचपन मेंPraneeth बडै मि टं न अकैडमी जानेके लि ए, रोज़ 18 कि लोमीटर का सफ़र करते, वहाँ चार घटें ट्रेनिगं
लेते और फिर स्कूल भी जाना होता था।
गोपीचदं जी के कुशल मार्गदर्ग र्शनर्श में, Praneeth की game में काफ़ी तेजी से सुधार हुआ।
2013 मेंGold Medalist, Indonesia के Taufik Hidayat को उनके farewell match में15-21, 21-12, 21-17
सेहरातेहुए Badminton की दनिुनिया मेंतहलका मचा दि या।
लेकिन विजय प्राप्त करनेसेमश्किुश्कि ल होता हैउसेबरकरार रखना। 2014 के अतं मेंसाई प्रनीथ को परैों में अदंरूनी
चोट आई , जिसकी वजह से उन्हें महीनों तक badminton सेदरू रहना पड़ा।
कुछ ही महीनों मेंएक घायल शरे की तरह वापि स अपनेopponents पर शॉट्स की बौछार करतेहुए इस shuttler
नेज़ोरदार comeback कि या,
2016 All England Super Series Premier मेंSai नेतीन बार Olympic Silver वि जेता Lee Chong Wei
को पहलेही round मेंहराकर अपनी उपस्थि ति का एहसास करवाया।
2019 मेंPraneeth नेजब BWF World Championship मेंbronze medal जीता, तो प्रकाश पादुकण के बाद
छत्तीस साल के अतं राल पर भारत को इस टूर्ना मेंट मेंwinner list मेंआनेका मौक़ा मि ला। आज विश्व रैंकिग में
तरे हवेंस्थान पर कायम साई प्रनीथ, अपनी ज़बरदस्त form को इसी तरह बनाए रखतेहुए, तैयारी कर रहे हैं
Olympics में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने की।
BWF World ranking में17वेंस्थान पर क़ाबि ज़ Sai Praneeth के लि ए, आगेकी चढ़ाई साफ़ है। Tokyo में
उनका मक़ुाबला दुनिया के सबसे बेहतरीन shuttlers सेहोगा। लेकि न अपनेcareer मेंकई Olympic Winners
को हरानेचकुे Praneeth के लि ए फि र सेअपनी क़ाबि लीयत साबि त करना बि लकुल भी असभं व नहीं है। अपने
इसी सामर्थ्य और योग्यता के बूते पर Sai Praneeth बन गए हैं130 करोड़ भारतीयों की ओलपिं पिक्स की आशा।
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