गुजरात चुनाव में दलित और मुस्लिम किसे देंगे वोट।
गुजरात चुनाव में दलित और मुस्लिम किसे देंगे वोट।
गुजरात में पिछड़ा वर्ग की आबादी ज्यादा है, इसका असर सीटों के गणित पर भी दिखता है। गुजरात की 182 सीटों में 88 से 90 सीटें ऐसी हैं, जिन पर विजयी प्रत्याशी चुनने में ओबीसी वर्ग का प्रभाव ज्यादा रहता है। पाटीदार समुदाय गुजरात चुनाव का दूसरा सबसे बड़ा फैक्टर है। ऐसा माना जाता है , कि पाटीदार समुदाय का वोट जिस दल को मिल जाए। सरकार उसी की बन जाती है। अब इस वोट पर बीजेपी का एकाधिकार रहा है। इस बार जनता के मन में क्या है , ये तो चुनाव परिणाम के दिन ही पता चलेगा। लेकिन इतना साफ है कि पाटीदार समुदाय कम से कम 40 सीटों पर जीत-हार का गणित बिगाड़ सकते हैं।
गुजरात चुनाव में इस बार राजनीतिक दलों ने ट्रेंड बदला है। तकरीबन सभी दल आदिवासी वोट बैंक पर नजर गढ़ाए हैं। ये जरूरी इसलिए है, क्योंकि गुजरात के आदिवासी समाज का एक-दो नहीं बल्कि पूरी 27 सीटों पर प्रभाव है। चुनाव में ये सीटें महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं।दलित वर्ग का भी गुजरात चुनाव में खासा वर्चस्व है। आंकड़ें इस बात की गवाही देते हैं , की गुजरात की 12 से 15 सीटों पर दलित समुदाय अपना प्रभाव रखता है । राजनीतिक विश्लेषकों के हिसाब से सरकार बनाने के लिए दलित वोट बैंक की सभी दलों को जरूरत होती है।
गुजरात में मुस्लिम समुदाय भी सीटों का गणित बिगाड़ सकता है, गुजरात में 9 से 10 सीटें ऐसी हैं जिन पर मुस्लिम मतदाता अपनी पकड़ रखते हैं और किसी का भी समीकरण बिगाड़ सकते हैं।