रात में दूध पीना इसलिए जरूरी:नींद न आने की शिकायत है तो गुनगुना दूध पिएं,
इसमें मौजूद ट्रिप्टोफन अनिद्रा दूर करता है; जानिए यह क्यों जरूरी
अक्सर रात में सोने से पहले गुनगुना दूध पीने की सलाह दी जाती है। इसके कई कारण हैं। वैज्ञानिकों ने रात में दूध पीने की एक नई वजह बताई है। उनका कहना है, अगर आप अच्छी नींद चाहते हैं तो रात में गुनगुना दूध पिएं। यह आपकी नींद न आने की समस्या को दूर कर सकता है।
यह दावा चीन के नेशनल नेचुरल साइंस फाउंडेशन की रिसर्च में सामने आया है। शोधकर्ताओं का कहना है, रिसर्च में यह साबित हुआ है कि गुनगुना दूध अनिद्रा की शिकायत दूर कर सकता है।
कैसे अनिद्रा दूर करता है दूध
शोधकर्ताओं के मुताबिक, दूध में ट्रिप्टोफन नाम का अमीनो एसिड पाया जाता है। इसके अलावा रिसर्च के दौरान यह भी सामने आया कि इसमें मिल्क पेप्टाइड कैसीन हाइड्रोलिसेट भी पाया जाता है जो तनाव को घटाता है और नींद में सुधार लाता है। यह यह दोनों चीजें मिलकर अनिद्रा की समस्या दूर करती हैं।
शोधकर्ता लिन झेंग का कहना है, हम यह जानना चाहते थे कि दूध से नींद का क्या कोई कनेक्शन है। रिसर्च के दौरान चूहे पर स्लीप टेस्ट किया गया। रिपोर्ट में यह पाया गया कि दूध में मौजूद खास तरह के मिल्क पेप्टाइड नींद लाने में मदद करते हैं।
दिल की बीमारियों का खतरा भी घटाता है
इंग्लैंड की रीडिंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है, दिल की बीमारियां और स्ट्रोक का खतरा 14 फीसदी तक घटाना है तो रोजाना एक गिलास दूध पिएं। रोजाना एक गिलास दूध पीने वालों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम रहता है। इसलिए दिल की बीमारियों का रिस्क कम रहता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने पर धमनियों में ब्लॉकेज बन जाते हैं। नतीजा, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
क्या दूध पीने से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है?
लोगों में एक धारणा रहती है कि दूध पीने से डायबिटीज होने का खतरा बढ़ता है, लेकिन नई रिसर्च में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि दूध कम या ज्यादा पीने से डायबिटीज होने के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। दूध हड्डियों के लिए बेहद जरूरी है और विटामिन व प्रोटीन की कमी भी पूरी करता है।
अपनी सुविधा के मुताबिक चुनें दूध के विकल्प
गाय का दूध : दूसरे दूध के मुकाबले इसमें कैल्शियम अधिक
गाय के शुद्ध दूध में 88 फीसदी पानी और प्रोटीन, गुड फैट व विटामिन-डी अधिक मात्रा में पाया जाता है। दूसरे दूध के मुकाबले इसमें कैल्शियम अधिक पाया जाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड होने के कारण यह हार्ट और डायबिटीज पेशेंट्स के लिए खास फायदेमंद है। कई रिसर्च में भी सामने आया है कि यह मेटाबॉलिज्म दुरुस्त कर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है।
सोया मिल्क : दूध से एलर्जी है तो इसे लें, इसमें अधिक प्रोटीन की मात्रा अधिक
ऐसे लोग जिन्हें दूध से एलर्जी है वे सोया मिल्क ले सकते हैं। हाई प्रोटीन होने के साथ इसमें कैल्शियम और आयरन भी अधिक मात्रा में होता है। इसमें नौ तरह अमीनो एसिड्स पाए जाते हैं जो इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं जिससे आपकी रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। इसे पीते समय ध्यान रखें कि शुगर अधिक न लें।
कोकोनट मिल्क : इसमें पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं
इसकी न्यूट्रिशन वैल्यू काफी हाई है। इसमें फायबर की मात्रा अधिक होने के साथ विटामिन सी, ई, बी और आयरन, सोडियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस पाया जाता है। लैक्टोज-फ्री होने के कारण ऐसे लोग जिन्हें दूध से एलर्जी है वे इसे ले सकते हैं। लो-कोलेस्ट्रॉल होने के कारण यह हृदय रोगों से बचाता है।
स्किम्ड मिल्क : बढ़ते कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर से परेशान हैं तो इसे डाइट में शामिल करें
बढ़ते ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल से परेशान से हैं तो स्किम्ड मिल्क बेहतर विकल्प है। खासकर 35 वर्ष की उम्र के बाद इसे लेना अच्छा है। इसमें फैट मात्र 0.3 फीसदी होता है इसलिए वजन को कम करना चाहते हैं तो इसे डाइट में शामिल कर सकत हैं। इसे दही या छाछ के रूप में भी लिया जा सकता है।
टोन्ड मिल्क : यह लो-फैट मिल्क हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा घटाता है
जिन्हें वजन नहीं घटाना है केवल फिट रहना है, वे डबल टोंड दूध पी सकते हैं। इसमें वसा की मात्रा काफी कम होती है। इसमें फैट की मात्रा कम होने के कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक का खतरा भी कम होता है। इसमें विटामिन-डी की मात्रा अधिक होती है इस कारण कैल्शियम आसानी से शरीर में एब्जॉर्ब हो जाता है।
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