67% आबादी वाले देश के बाहर होने से वर्ल्ड कप की व्यूअरशिप आधी होगी,
विज्ञापन से मुनाफा 1 हजार करोड़ तक कम
जिसका डर था वही हुआ। टीम इंडिया टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी। इससे भारतीय फैंस तो निराश हैं ही, मैचों के विज्ञापन स्लॉट्स खरीदने-बेचने वाली एजेंसियों के होश भी फाख्ता हो चले हैं। कारण साफ है, सुपर-12 में जो देश खेल रहे थे उनकी कुल आबादी 199 करोड़ है, जबकि इनमें से 135 करोड़ लोगों का मुल्क भारत नॉकआउट राउंड में नहीं पहुंच पाया। यानी, आबादी के लिहाज से 67% हिस्सेदारी रखने वाला देश बाहर हो गया है।
टूर्नामेंट में अब भी सेमीफाइनल और फाइनल सहित 5 मैच खेले जाने हैं। आशंका जताई जा रही है कि इन बचे हुए मैचों की टीवी और डिजिटल व्यूअरशिप में 50% की गिरावट आ सकती है। इससे मैचों के दौरान टीवी पर दिखने वाले विज्ञापनों के कारोबार को करीब 1 हजार करोड़ रुपए का झटका लग सकता है। यह झटका किसे और कैसे लगेगा, 6 फैक्टर से समझते हैं…
1. ICC फिलहाल सुरक्षित, ये 2023 तक के लिए पहले ही बेच चुकी है राइट्स
टीम इंडिया के बाहर हो जाने के बावजूद फिलहाल ICC को कोई बड़ा झटका नहीं लगने वाला है। ICC ने 2015 से 2023 के लिए अपने सभी टूर्नामेंट के ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल राइट्स स्टार इंडिया को करीब 14.8 हजार करोड़ रुपए में बेचे थे। इनमें वनडे वर्ल्ड कप (2015, 2019 और 2023), टी-20 वर्ल्ड कप (2016, 2021 और 2022), चैंपियंस ट्रॉफी और ICC टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल शामिल हैं।
2. स्टार इंडिया भी नुकसान में नहीं, ये सभी विज्ञापन स्लॉट बेच चुकी है
ICC इवेंट्स की मौजूदा ऑफिशियल ब्रॉडकास्टिंग कंपनी स्टार इंडिया भी फिलहाल भारत के बाहर होने के झटके को बिना नुकसान झेल लेने की स्थिति में है। स्टार इंडिया ने इस टी-20 वर्ल्ड कप के विज्ञापन स्लॉट्स करीब डेढ़ दर्जन बाइंग एजेंसियों को पहले ही बेच दिए हैं। बाइंग एजेंसियां ऐसी कंपनियां होती हैं जो ब्रॉडकास्टर्स से विज्ञापन स्लॉट्स खरीदकर उन कपंनियों से बुकिंग लेती हैं जो मैचों के दौरान अपने प्रोडक्ट्स का विज्ञापन चलाना चाहती हैं।
स्टार इंडिया के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर भास्कर को बताया कि 2007 वनडे वर्ल्ड कप के बाद से ही हमें यह सीख मिल चुकी है कि टीम इंडिया टूर्नामेंट के नॉकआउट राउंड से पहले भी बाहर हो सकती है। लिहाजा हम विज्ञापन स्लॉट्स बचाकर नहीं रखते हैं। 2009, 2010 और 2012 टी-20 वर्ल्ड कप में भी भारतीय टीम नॉकआउट राउंड में नहीं पहुंची थी। इसके बाद तो यह यकीन और भी पक्का हो गया कि हमें टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही अधिकांश स्लॉट्स बेच देने हैं।
3. बाइंग एजेंसियों ने बचा रखे थे 10-15% विज्ञापन स्लॉट्स, इनके मुनाफे को लगेगा झटका
टीम इंडिया के वर्ल्ड कप से बाहर होने का सबसे बड़ा झटका बाइंग एजेंसियों को लगेगा। बाइंग एजेंसियों ने 10 से 15% स्लॉट इस उम्मीद में बचाकर रखे थे कि अगर भारतीय टीम सेमीफाइनल या फाइनल में पहुंचेगी तो वे उनके एवज में और मोटा मुनाफा कमाएंगी। हालांकि अब ऐसा नहीं होगा।
भारत के बाहर होने से ये प्रीमियम स्लॉट्स या तो अब बिकेंगे नहीं या फिर इनके बदले कम कीमत मिलेगी। भारत के सेमीफाइनल में न पहुंचने से सभी बाइंग एजेंसी को मिलाकर मुनाफे में 700 से 1 हजार करोड़ रुपए तक कमी आने का अनुमान है। यानी एक बाइंग एजेंसी का मुनाफा 38 से 55 करोड़ रुपए तक कम हो सकता है।
4. ICC को अगले चार साल के लिए हो सकता है नुकसान
ICC आम तौर पर 8 साल के लिए ब्रॉडकास्टिंग/डिजिटल राइट्स बेचती है। इस बार (2024 से) वह 4 साल के साइकिल के लिए राइट्स बेचने की कोशिश में है। ICC को डर है कि 8 साल के लिए ज्यादा बड़ी बोली उसे नहीं मिलेगी और अगर वह इसे दो हिस्सों में बेचे तो बड़ी कमाई कर सकती है। हालांकि इस टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के जल्द बाहर होने से कीमत में गिरावट आने की आशंका है। यह गिरावट 10 से 20% तक हो सकती है।
5. ICC इवेंट्स को IPL से कड़ी चुनौती, इसमें किसी टीम के बाहर होने से व्यूअरशिप कम नहीं होती
ICC को ब्रॉडकास्टिंग राइट्स बेचने में इस बार IPL से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर ICC 2024 से 2027 तक होने वाले अपने इवेंट्स के राइट्स बेचने की कोशिश में है, दूसरी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) 2023 से 2027 तक के लिए IPL के राइट्स बेच रहा है।
IPL के पास एडवांटेज यह है कि इस लीग में कोई भी टीम जीते या बाहर हो जाए व्यूअरशिप में कमी नहीं आती है। IPL की सभी टीमों की फैन फॉलोइंग पूरे देश में है। इसके उलट, ICC इवेंट्स में अगर भारतीय टीम फ्लॉप होती है तो टूर्नामेंट के फ्लॉप होने का खतरा भी रहता है।
6. IPL की बढ़ती वैल्यू ICC इवेंट्स की कीमत कम कर सकती है
अगले सीजन से IPL में मैचों की संख्या 60 से बढ़कर 74 हो जाएगी। माना जा रहा है कि इसके लिए BCCI को करीब 500 करोड़ डॉलर (35 हजार करोड़ रुपए) मिल सकते हैं। पिछली बार BCCI को IPL के पांच साल के राइट्स के लिए 16,347 करोड़ रुपए मिले थे।
अभी IPL और ICC इवेंट्स दोनों के राइट्स स्टार इंडिया के पास हैं, लेकिन IPL राइट्स की कीमत डबल से ज्यादा होने के कारण इस बार कोई एक कंपनी दोनों राइट्स खरीद पाए, इसकी संभावना कम दिख रही है।