ICMR की प्रेग्नेंट महिलाओं को अलर्ट करने वाली रिसर्च
कोरोना बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं को संक्रमित कर सकता है, पहले से कोविड पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं को तत्काल देखभाल की जरूरत
कोविड बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं को संक्रमित कर सकता है। इनमें हल्के या गंभीर लक्षण दिख सकते हैं। कोरोना से संक्रमित गर्भवती महिलाओं को तत्काल इलाज की जरूरत है। इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने अपनी हालिया रिसर्च में गर्भवती महिलाओं के लिए अलर्ट जारी किया है। ICMR ने यह स्टडी महाराष्ट्र में गर्भवती महिलाओं पर की है।
आईसीएमआर ने क्यों की यह स्टडी?
गर्भवती महिलाओं में कोविड का संक्रमण होने पर क्या असर हो सकता है, इसे समझने के लिए ICMR ने पहली इस तरह की स्टडी की। रिसर्च के लिए PregCovid रजिस्ट्री पोर्टल पर मौजूद आंकड़ों की एनालिसिस की गई। यह पोर्टल गर्भवती महिलाएं और कोविड से संक्रमित गर्भवती महिलाओं का रिकॉर्ड रखता है
रिसर्च की 6 बड़ी बातें
4203 गर्भवती महिलाओं पर हुई रिसर्च: रिसर्च के लिए महामारी की पहली लहर (मार्च 2020-जनवरी 2021) के दौरान रजिस्टर्ड हुईं 4,203 गर्भवती महिलाओं के आंकड़ों की एनालिसिस की गई।834 मामलों में डिलीवरी नहीं हो पाई: रिपोर्ट में सामने आया कि पहली लहर में 3,213 महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया और 77 को गर्भपात का सामना करना पड़ा। 834 मामलों में डिलीवरी हो ही नहीं पाई।534 महिलाएं सिम्प्टोमैटिक: अध्ययन में पाया गया कि 534 महिलाएं यानी 13 फीसदी सिम्टोमैटिक थीं जिनमें से 382 (72 फीसदी) को हल्की, 112 (21 फीसदी) को मध्यम और 40 (7.5 फीसदी) को गंभीर कोविड-19 बीमारी थी।समय से पहले डिलीवरी के 528 मामले: रिसर्च के दौरान सामने आया कि ऐसी महिलाओं की डिलीवरी में भी दिक्कते आईं। जैसे- 528 मामलों में डिलीवरी समय से पहले करनी पड़ी। हाई ब्लड प्रेशर से जूझने के कारण 328 मामलों की डिलीवरी में भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।153 महिलाओं को गहन देखभाल की जरूरत: रिसर्च रिपोर्ट कहती है, कुल 158 महिलाओं को डिलीवरी के बाद गहन देखभाल की जरूरत थी। इनमें 96 फीसदी महिलाओं को कोविड के कारण अधिक देखभाल की जरूरत पड़ी थी।सबसे ज्यादा मौतें पुणे और मराठवाड़ा में: कोविड से जूझने वाली गर्भवती महिलाओं की सबसे ज्यादा मौतें पुणे और मराठवाड़ा में हुईं। कोविड-19 संक्रमित गर्भवती महिलाओं में मृत्यु दर 0.8 फीसदी (34/4203) थी। ICMR का कहना है, कोविड गर्भवती महिलाओं को बड़े स्तर पर संक्रमित कर सकता है, इसलिए ऐसे मामलों में तत्काल इलाज और डॉक्टरी सलाह लें।
इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन जरूरी
भारत सरकार ने 2 जुलाई को गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लेने की गाइडलाइन जारी की थी। नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) की सिफारिशों के बाद सरकार ने तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए प्रेग्नेंट महिलाओं को भी कोरोना वैक्सीन लगाने की सलाह दी थी।