अमित शाह ने कैसे अखिलेश यादव से जयंत चौधरी को तोड़ा?
दिल्ली:दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अभी से कमर कस ली है। इसके लिए गठबंधन को लेकर अभी से जोड़तोड़ शुरू हो गया है।सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी अब एक-दूसरे से अलग होते दिख रहे हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर विपक्षी एकता पर लगा चुके हैं मुहरआठ विधायकों वाले जयंत चौधरी को सपा के अखिलेश यादव ने भेजा था राज्यसभा में, बनाया था सांसद।जंतर मंतर पर धरनागत महिला पहलवान खिलाड़ियों को कांग्रेश की प्रियंका गांधी,आम आदमी पार्टी के केजरीवाल, पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, किसान नेता राकेश टिकैत के मिल रहे अनवरत समर्थन के बाद जयंत चौधरी को अपनी जाटलैंड की जमीन खिसकती नजर आ रही थी, जागी चेतना।जयंत चौधरी को लगा कि विपक्षी एकता की धुरी बन रही कांग्रेस के साथ रहना ही पार्टी के लिए हितकर रहेगा।समाजवादी पार्टी के रणनीतिकारों को सोचना होगा कि जयंत चौधरी के साथ गठजोड़ करके उन्होंने क्या खोया क्या पाया ।
जानकारी के अनुसार 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए आरएलडी ने कांग्रेस के साथ जाने का मन बना लिया है।पहले निकाय चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी से अनबन हुई।इसके बाद कर्नाटक में कांग्रेस सरकार का शपथ ग्रहण हुआ।
इसमें शामिल होने के लिए जयंत चौधरी पहुंच गए।इतना ही नहीं इस समारोह से अखिलेश यादव ने दुरी बनाई। हालांकि सूत्रों का दावा है कि जयंत चौधरी इस गठबंधन में अखिलेश यादव को भी रखना चाहते हैं।