आखिर क्यों खरीदा अडानी ने एनडीटीवी 

(NDTV) के मुताबिक अडानी समूह की इस डील के बारे मे उनसे कोई चर्चा नही की गयी.

आखिर क्यों खरीदा अडानी ने एनडीटीवी

दुनिया को ख़बर देनें वाले चैनल को खुद अपनी ही खबर नहीं, (NDTV) के मुताबिक अडानी समूह की इस डील के बारे मे उनसे कोई चर्चा नही की गयी. आपको बता दे की विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड ने परोक्ष रूप से (NDTV) समूह की 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी हैं, कम्पनी जल्द ही 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की पूरी कोशिश करेगी |

अडानी समूह महज तीन महीने 29 दिन पहले ही मीडिया बिजनेस मे उतरा है, अडानी जल्द ही देश के मशहूर न्यूज़ चैनल (NDTV) के मालिक बन सकते है. इस हिस्सेदारी को खरीदने के लिए अडानी समूह करीब 493 करोड़ रुपए खर्च करेगी |

अडानी समूह की मीडिया कम्पनी की अभी जल्दी मे ही स्थापना हुई हैं, 26 अप्रैल 2022 को गांधी नगर गुजरात के पते पर कम्पनी का रेजिस्ट्रेशन हुआ है, कम्पनी डिजिटल और ब्रॉडकास्ट सेगमेंट पर जोर दे रही है |

अडानी समूह के (NDTV) खरीदने के ऊपर काफी चर्चा हो रही है, ऐसे मे काफी लोगो का सवाल यह भी है की जो चैनल केंद्र सरकार यानी भाजपा और उनसे जुड़े कार्यों के बारे मे ज्यादा चर्चा नहीं करता सिर्फ वही चैनल आखिर क्यो खरीदा जा रहा है, आपको बता दे की (NDTV) कभी भी माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार का पूर्ण रूप से सहयोग नही करता, और न ही उनकी सरकार से जुड़े कार्यों के बारे मे अपने चैनल मे ज्यादा चर्चा करता है |

हालाँकि एक पत्रकार का पूर्णरूप से यही काम होता है की वह बिना किसी पक्षपात के सारी खबरें देश तक पहुँचाये, जो (NDTV) हमेशा से बखूबी निभाता आ रहा हैं, चैनल का सरकार के विरोध मे बोलना भी एक कारण माना जा रहा है अडानी समूह के (NDTV) खरीदने का.

खबर यह भी है की देश तक खबरें पहुँचाने वाले चैनल को खुद अपनी ही खबर नहीं है, हिस्सेदारी खरीदने की खबरें सामने आने के बाद (NDTV) के फाउंडर और प्रोमोटर्स का यह कहना है की उनसे इस बारे मे कोई चर्चा नहीं की गयी, (NDTV) के खबर के मुताबिक विसीपीएल् ने 2009-10 के एक ऋण समझौते के आधार पर नोटिस दिया है, और यह सब (NDTV) के संस्थापकों और कम्पनी के सहमति के बिना किया गया है |

 

 

 

 

 

 

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