हॉस्टेजेस-2 : बारह एपिसोड का थ्रिलर और सस्पेंस से भरपूर सोप ओपेरा
– ए एम कुणाल
इजरायली क्राइम थ्रिलर पर आधारित ‘‘हॉस्टेजेस’’ का सीज़न टू ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म डिज़्नी हॉट स्टार पर रिलीज हो चुका है। भारत से पहले अमेरिका में भी इसी नाम की वेब सीरीज बनी थी पर पहले सीजन के खराब प्रदर्शन के कारण दूसरा सीजन वहां कभी बना ही नहीं। ऐसे में सीजन टू बनाने के लिए निर्माता समीर नायर की तारीफ तो बनती है। इस बार निर्देशन की कमान सुधीर मिश्रा की बजाय सीजन वन के डीओपी और सहायक निर्देशक रहे सचिन कृष्णन ने संभाली हैँ। इस सीरीज़ के साथ लम्बे समय के बाद अभिनेता डीनो मोरिया ने वापसी की हैँ। निगेटिव किरदार निभा रहे डीनो मोरिया हॉस्टेजेस सीज़न टू का स्पेशल पैकेज है। वह अपनी बेहतरीन अदाकारी से अभिनेता रोनित रॉय के किरदार पर सूर्य ग्रहण न सही, चंद्र ग्रहण लगाने में जरूर सफल रहे हैँ।
फर्स्ट सीजन के दो अहम अभिनेता अनंग्शा बिस्वास और सूर्या शर्मा को इस बार एक्स्ट्रा खिलाड़ी के रूप में रखा गया है। उनकी एंट्री आख़िरी दो एपिसोड में होती है। जबकि अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा को बॉय बॉय कर दिया गया है। टिस्का चोपड़ा की भरपाई कर पाने में अभिनेत्री शिबानी दांडेकर और दिव्या दत्ता असफल रही है। इस बार रोनित रॉय अपने दम पर बारह एपिसोड खींचते नज़र आए हैँ ।
सीज़न टू की कहानी चार दिन की है, जो सीएम हांडा की हत्या के रहस्य से शुरु होकर बांग्लादेश के पीएम के मर्डर प्लान तक पहुँच जाती है। इस सीज़न में तीन कहानी साथ-साथ चलती है, जिसका अंत करने में निर्देशक सचिन कृष्ण को 9 के बजाय 12 एपिसोड बनाने पड़े। लगभग आठ घण्टे की वेब सीरीज़ और भी रोचक हो सकती थी। अगर अभिनेत्री श्वेता बासु प्रसाद की बजाय डीनो मोरिया के किरदार पर ज़्यादा फ़ोकस किया गया होता।
होस्टेजेस सीजन-2 की कहानी वही से शुरु होती है, जहां पिछले सीज़न में छोड़ा था। दुनिया के लिए मर चुके मुख्यमंत्री खुशवंत लाल हांडा (दिलीप ताहिल) का अपहरण करने वाले रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर पृथ्वी सिंह (रोनित रॉय) उसे लेकर दिल्ली से निकलने की तैयारी में है। इस काम में पृथ्वी सिंह का साथ अमन (आशिम गुलाटी), सारा जॉर्ज ( फ़ैज़ेह जलाली) और पीटर जॉर्ज (अमित स्याल) देते हैं। पृथ्वी सिंह मुख्यमंत्री हांडा को कही सेफ़ जगह ले जाने की कोशिश करते हैँ, जहां उसके बोन मैरो का प्रत्यारोपण पृथ्वी की पत्नी और सीएम की अवैध बेटी सबा (श्रीस्वरा) को किया जा सकें। मगर रास्ते में मौक़ा देख कर सीएम हांडा भाग निकलता है और उसको पकड़ने के चक्कर में वे एक पुरानी कोठी में फंस जाते हैं। पृथ्वी सिंह का पीछा करता हुआ सीएम सिक्यरिटी हेड सुब्रमणीयन (मोहन कपूर) भी पहुँच जाता है पर पृथ्वी सिंह की गोली से घायल होकर वह खुद होस्टेज बन जाता है। इस बीच गोलियां चलने की आवाजें सुन पुलिस वहां पहुंच जाती है और कोठी को चारों तरफ़ से घेर लेती है। मीडिया को भी पता चल जाता है, जिसके कारण वहां जमावड़ा लग जाता है। पुलिस और मीडिया पृथ्वी सिंह और उसके साथियों को आतंकवादी समझती है।
इस बीच एटीएस चीफ़ करनैल सिंह (कंवलजीत सिंह) और एसपी दत्त (सचिन खुराना) भी वहाँ पहुँच जाते हैं। एटीएस जवाबी ऐक्शन का प्लान बनाती है पर आएशा खान (दिव्या दत्त) बातचीत के ज़रिए मामले को सुलझाने का प्रयास करती है। पृथ्वी सिंह तिहाड़ जेल में बंद अफगानी आतंकी असगर (आसिफ़ बसरा) की माँग करता है, जो एक डॉक्टर होता है। पृथ्वी के अहसान का बदला चुकाने के लिए वह ऑपरेशन करने को तैयार हो जाता है। वह सीएम हांडा का बोन मैरो ट्रान्स्प्लैंट कर देता है। सफल ऑपरेशन के बाद वह वापस आ जाता है। दिव्या दत्ता को समझ में नहीं आता है कि आख़िर असगर के लिए रिहाई की माँग क्यों की गई थी।
इस खंडहर से बाहर की दुनिया में दो अलग-अलग कहानी चल रही होती है, जिसकी एक कहानी का सूत्रधार रणवीर (डीनो मोरिया) है, जो सीएम हांडा मामले का मास्टर माइंड और लोटस कॉर्परेशन के मालिक देसाई (विक्रम कपाड़िया) की हत्या कर देता है। देसाई के अधूरे काम को पूरा करने के लिए रणवीर (डीनो मोरिया) पृथ्वी की बेटी को उठा लेता है। वही कहानी की दूसरी सूत्रधार इंटेलिजेंस विभाग की शिखा पांडे (श्वेता बसु प्रसाद) है। एक मर्डर केस के जाँच के सिलसिले में ईशा एंड्रूज (शिबानी दांडेकर) की कम्पनी जनरल इंटरनेशनल और उनकी इंडियन पार्टनर देसाई की लोटस कॉर्परेशन का नाम सामने आता है। शिखा पांडे खोजबीन करते-करते सीएम हांडा की हत्या के रहस्य तक पहुँच जाती है। अंत में पृथ्वी सिंह, रणवीर और शिखा पांडे की कहानी आपस में कैसे मिलती है? सीएम हांडा का क्या होता है? हायमा (अनंग्शा बिस्वास) और प्रिन्स (सूर्या शर्मा) पृथ्वी सिंह की मदद करते है या एक बार फिर से धोखा देते है? पृथ्वी का नक़ाब खुलता है या नहीं? यह सब जानने के लिए हॉस्टेजेस टू को ज़रूर देखना चाहिए।
हॉस्टेजेस वन का मुख्य चेहरा रहे रोनित रॉय का अभिनय इस सीज़न में भी कमाल का है। डीनो मोरिया ने कम समय के लिए स्क्रीन शेयर किया है पर रोनित रॉय को टक्कर देने में सफल रहे है। शिबानी दांडेकर ने अपने छोटे से किरदार के साथ पूरा न्याय किया है।
बाक़ी कलाकारों में अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने हमेशा की तरह अच्छा काम किया है। उनको एक कमजोर किरदार दिया गया है पर अपने अभिनय और पंच लाइन के कारण उस किरदार को यादगार बना दिया है। शिखा पांडे का किरदार श्वेता बसु प्रसाद ने बढ़िया से निभाया है। इसके अलावा दिलीप ताहिल, श्रीस्वरा, अशीम गुलाटी, मोहन कपूर, कंवलजीत सिंह, सचिन खुराना, दानिश हुसैन और फ़ैज़ेह जलाली ने अपनी भूमिका बखूबी से निभाया है।
इस बार निर्देशक सुधीर मिश्रा की कमी खली है। हालाँकि सचिन कृष्णन का निर्देशन अच्छा है पर आठ घंटे तक दर्शकों को बांध पाने में असफल रहे है। कुछ अनावश्यक रूप से लंबे दृश्यों को कम किया जा सकता था। लगता है कि कहानीकार निसर्ग मेहता के कलम का जादू इस बार फीका पड़ गया है। इस सीरीज में उन्होंने काफ़ी कुछ चीजें दर्शकों के सोच पर छोड़ दिया है। कुछ सवालों के जवाब साफ-साफ नहीं मिल पाते है। मसलन एक बांग्लादेशी आतंकवादी प्रोफ़ेसर (संजीव शर्मा) से इंटरव्यू के बहाने दानिश हुसैन की मुलाकात के राज से पर्दा नहीं उठाया गया है और न ही संजीव शर्मा के किरदार को ठीक से स्टेबलिस्ट किया गया है। शिल्पा शुक्ला का किरदार समझ से परे है। सीएम हांडा की पत्नी पृथ्वी का साथ क्यों देती है? सीएम हांडा और उसकी अवैध बेटी के रिश्ते को भी दर्शकों के सोच पर छोड़ दिया गया है। इसके अलावा एसपी दत्त का सीएम हांडा को लेकर भागने का कारण समझ में नहीं आता है। इन सवालों के अलावा हॉस्टेजेस-2 एक अच्छा वेब सीरीज़ है। अगर आप सीज़न वन से तुलना करेंगे तो औसत है। इसके बावजूद जिन्होंने सीज़न वन देखा है, उनको पसंद आएगा। क्योंकि सीज़न वन के कई सारे राज है, जिसे जानने को आप उत्सुक होंगे।
हॉस्टेजेस-2
कलाकार: रोनित रॉय, डिनो मोरिया, शिबानी दांडेकर, दिव्या दत्ता, अशीम गुलाटी, दिलीप ताहिल, श्रीस्वरा, श्वेता बसु प्रसाद, कंवलजीत सिंह, सचिन खुराना, फ़ैज़ेह जलाली, सूर्या शर्मा , अनंग्शा बिस्वास, शिल्पा शुक्ला, अमित स्याल,
विक्रम कपाड़िया, आसिफ़ बसरा, दानिश हुसैन, संजीव शर्मा।
निर्देशक: सुधीर मिश्रा/सचिन ममता कृष्ण
लेखक: निसर्ग मेहता
निर्माता: समीर नायर
ओटीटी: डिज़्नी हॉट स्टार