Samastipur में धनिया-मेथी की खेती, उद्यान विभाग देगा अनुदान
Samastipur जिले में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए धनिया और मेथी की खेती को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत 40-40 हेक्टेयर भूमि पर धनिया और मेथी की खेती की जाएगी।
Samastipur में धनिया और मेथी की खेती को बढ़ावा
Samastipur जिले में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए धनिया और मेथी की खेती को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत 40-40 हेक्टेयर भूमि पर धनिया और मेथी की खेती की जाएगी। उद्यान विभाग ने इस योजना को लागू करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
अनुदान की जानकारी
राज्य सरकार की योजना के तहत, बीज मसाले की खेती करने वाले सभी किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इस योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। धनिया की खेती के लिए 40 हेक्टेयर से अधिक का आवेदन प्राप्त हो चुका है, जबकि मेथी के लिए अभी तक केवल आठ हेक्टेयर का आवेदन हुआ है।
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किसानों को जागरूक करना
उद्यान विभाग ने किसानों को इस योजना के बारे में जागरूक करने का कार्य शुरू कर दिया है। इच्छुक किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए कम से कम 0.25 एकड़ से लेकर 10 एकड़ तक की भूमि पर बीज मसाले की खेती कर सकते हैं। निजी या लीज पर ली गई भूमि के अलावा, बटाई पर खेती करने वाले किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
आवेदन की प्रक्रिया
इच्छुक किसानों से 31 अक्टूबर तक विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। इस बार, खेती के लिए 78.56 प्रतिशत सामान्य श्रेणी, 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 1.44 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के किसानों का चयन किया जाएगा।
आवश्यक कागजात
धनिया और मेथी की खेती के लिए इच्छुक किसानों को कुछ आवश्यक कागजात के साथ ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इनमें शामिल हैं:
- मालगुजारी रसीद या भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र (निजी जमीन के लिए)
- एकरारनामा (लीज और बटाईदार भूमि के लिए)
- आवेदक की तस्वीर
- आधार कार्ड
- जाति प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक
- आवासीय प्रमाण पत्र
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और उन्हें नवीनतम कृषि पद्धतियों से जोड़ना है। धनिया और मेथी की खेती से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह स्थानीय बाजार में मसालों की उपलब्धता को भी बढ़ाएगा।
उद्यान विभाग की यह पहल किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यदि आप धनिया और मेथी की खेती में रुचि रखते हैं, तो जल्द से जल्द आवेदन करें और इस योजना का लाभ उठाएं। किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने और सशक्त बनाने के लिए इस तरह की योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।