कानपुर के इस घोड़े को शहीद का दर्जा देकर ससम्मान दफनाया गया, जानिए वजह!
कानपुर में एक पालतू घोड़े ने अपने प्राणों की आहुति देकर कई लोगों की जान बचा ली। बाद में सैंकड़ों कृतज्ञ लोगों ने पूरे सम्मान के साथ उसकी अन्तिम यात्रा निकाली। समाजवादी पार्टी के दो विधायकों ने शहीद घोड़े के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किये और इलाके के पार्षदों ने उसके कफन दफन का इन्तजाम किया।
कानपुर के घनी बस्ती वाले इलाके कर्नल गंज में बिजली विभाग का भूमिगत केबील क्षतिग्रस्त हो गया। बरसात के मौसम के कारण बिजली का करण्ट पूरी सड़क पर दौड़ने लगा। कुछ बच्चे झटका खाकर चीखे लेकिन पहले कोई समझ नहीं पाया। लेकिन एक घोड़ा करण्ट की चपेट में आकर तड़पने लगा और उसने अपने मालिक को दूर गिरा दिया तो सबको ये समझते देर नहीं लगी कि सड़क पर बिजली का करण्ट दौड़ रहा है। इसके बाद आनन फानन में रास्ता ब्लाक करके यातायात रोक दिया गया। बिजली विभाग को सूचना देकर बिजली सप्लाई रूकवाई गयी लेकिन तब तक घोड़ा अपने प्राणों की आहुति दे चुका था।
इस घटना के बाद घोड़े का ससम्मान अन्तिम संस्कार करने के लिये सैंकड़ो लोग इकठ्ठा हो गये। समाजवादी पार्टी के दो विधायकों अमिताभ बाजपेयी और इरफान सोलंकी ने घोड़े के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किये। भीड़ को जज्बाती होता देखकर जिला प्रशासन भी सचेत हुआ। इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया और सिटी मजिस्टेट ने मौके पर पहुॅच कर घोड़े के मालिक को पचास हजार मुआवजे का ऐलान किया। एक दूसरी घोड़ा गाडी पर शहीद घोड़े का मृत शरीर रखकर दर्जनों लोग उसे कब्रिस्तान ले गये जहाॅ उसे मुस्लिम रीति रिवाज से दफनाया गया।
समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी के अनुसार गत वर्ष भूमिगत केबिल से करेण्ट की लीकेज से एक व्यक्ति की जान गयी थी। इससे सबक लेकर भी बिजली विभाग ने क्षतिग्रस्त केबिलें नहीं बदली और आज की घटना में घोड़े ने अपनी जान देकर अनेक लोगों को बचाया। अब वे अठ्ठारह जुलाई को विधान सभा में मुद्दा उठाकर सरकार का ध्यान इस पर आकृष्ट करेंगे।