ऑनलाइन -ऑफलाइन क्लास के जरिये बच्चों का भविष्य संवार रहे शिक्षकों को राज्य स्तर पर सम्मानित करने का ऐलान
रायपुर। कोरोना काल में ऑनलाइन-ऑफलाइन क्लास के जरिये बच्चों का भविष्य संवार रहे शिक्षकों को राज्य स्तर पर सम्मानित करने का ऐलान शिक्षा विभाग ने किया है। शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने सभी कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी को मंगलवार को पत्र लिखकर शिक्षकों को सम्मानित करने का नया दिशा निर्देश जारी किया है।
आलोक शुक्ला ने अपने निर्देश में कहा है कि बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के मूल्यांकन की जरूरत है। इसे लेकर वेबसाइट पर ऑनलाइन – ऑफलाइन शिक्षा ग्रहण करने वाले सभी बच्चों के नामों की एंट्री कर उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों द्वारा उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों की एंट्री करने का प्रावधान किया है।
विभाग ने स्वेच्छा से ऑनलाइन -ऑफलाइन क्लास ले रहे शिक्षकों को मूल्यांकन की एंट्री करने को लेकर एक ट्रेनिंग प्रोग्राम भी स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग की तरफ से किया जायेगा। मूल्यांकन की ये एंट्री अक्टूबर माह से शुरू होगी, जिसमें बच्चों की ऐसे क्लासेस के जरिये की जाने वाले शैक्षणिक प्रगति की जानकारी परखा जायेगा। विभाग ने तय किया है कि जो शिक्षक लगातार 100 से अधिक बच्चों का मूल्यांकन जनवरी माह तक करेंगे, उन्हें प्लेटिनम प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया जायेगा, उसी तरह से 75 से 100 बच्चों का लगातार मूल्यांकन करने वाले वाले शिक्षकों को गोल्ड प्रशांसा प्रमाण पत्र, 50 से 75 बच्चों का लगातार मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को सिल्वर प्रशंसा पत्र, 25 से 50 बच्चों का लगातार मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को ब्राउंज प्रशंसा पत्र व 10 से 20 बच्चों को लगातार मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को साधारण प्रशंसा पत्र वितरित किया जायेगा।
यह प्रमाण पत्र फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में जनवरी तक किये गये कार्य के लिये दिये जायेंगे। डॉ. आलोक शुक्ला ने बताया है कि इस तरह की पहल से विभिन्न जिलों, विकासखंडों व संकुलों के बीच एक प्रकार की प्रतिस्पर्धा होगी एवं बच्चों की शैक्षणिक प्रगति के आधार पर उन्हें फरवरी माह में प्रमाण पत्र दिया जायेगा।