HONG-KONG कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: समलैंगिक जोड़ों को समान वारिस और आवास लाभ
HONG-KONG की शीर्ष अदालत ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक निर्णय में समलैंगिक जोड़ों के लिए समान वारिस और आवास लाभ की अनुमति दी है।
HONG-KONG की शीर्ष अदालत ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक निर्णय में समलैंगिक जोड़ों के लिए समान वारिस और आवास लाभ की अनुमति दी है। कोर्ट ऑफ फाइनल अपील ने सरकार की अपीलों को खारिज करते हुए पहले के फैसलों को बरकरार रखा। यह निर्णय समलैंगिक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है और यह LGBTQ अधिकारों के प्रति समाज की बढ़ती स्वीकृति को दर्शाता है।
लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद का अंत
यह मामला HONG-KONG के आवास प्राधिकरण की नीतियों और दो वारिस कानूनों के तहत समलैंगिक जोड़ों को विदेश में शादी करने के बाद भेदभाव का सामना करने से जुड़ा हुआ था। पिछले कुछ वर्षों से इस मामले पर कानूनी विवाद चल रहा था, और अब कोर्ट ने इन जोड़ों को समान अधिकार देने का फैसला किया है।
कोर्ट का निर्णय और सामाजिक प्रभाव
कोर्ट का यह निर्णय समलैंगिक जोड़ों के लिए एक बहुत बड़ी जीत है, जिनका इतिहास में अक्सर उनके विपरीतलिंगी समकक्षों की तुलना में कम अधिकारों का सामना करना पड़ा है। इस फैसले से समलैंगिक जोड़ों को न केवल आवास लाभ मिलेंगे, बल्कि वे अपने जीवनसाथी की संपत्ति के वारिस भी हो सकेंगे। यह निर्णय शहर में LGBTQ समुदाय के अधिकारों के प्रति बढ़ती सहमति और समर्थन का प्रतीक है।
सरकार की अपील और कोर्ट का रुख
HONG-KONG सरकार ने पहले इस निर्णय के खिलाफ अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने बिना किसी विरोधाभास के इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि समानता और न्याय के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए समलैंगिक जोड़ों को उन्हीं अधिकारों का लाभ मिलना चाहिए जो अन्य जोड़ों को मिलते हैं।
समलैंगिक अधिकारों के प्रति बढ़ती स्वीकृति
यह फैसला हॉन्ग कॉन्ग में समलैंगिक अधिकारों के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है। हालांकि, HONG-KONG में समलैंगिक विवाह अभी भी कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन यह निर्णय यह दर्शाता है कि समाज में इस समुदाय के लिए अधिक अधिकारों की दिशा में बदलाव आ रहा है।
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HONG-KONG एक महत्वपूर्ण सामाजिक बदलाव
HONG-KONG की कोर्ट का यह निर्णय समलैंगिक जोड़ों को समान अधिकार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल कानूनी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में समलैंगिक समुदाय के प्रति सकारात्मक बदलाव और स्वीकृति का भी प्रतीक है। यह निर्णय निश्चित रूप से समलैंगिक जोड़ों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा और समाज में समानता और न्याय के सिद्धांतों को मजबूत करेगा।