आज का इतिहास रेड क्रॉस

157 साल पहले शुरू रेड क्रॉस के साथ पहली बार जुड़े थे 12 देश, दोनों विश्व युद्ध के दौरान किए गए काम के लिए मिला शांति का नोबेल

19वीं सदी के शुरुआती 70 साल, ये वो दौर था जब पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर युद्ध लड़े गए। 1861 में अमेरिकन सिविल वॉर की शुरुआत हो चुकी थी। इस वॉर में लाखों लोग मारे गए। इससे पहले वाटरलू, क्रीमिया और यूरोप के कई देशों में युद्ध हुए। इनमें लाखों लोगों की मौत हुई। युद्ध के दौरान और जीत के बाद भी दुश्मन देश एक-दूसरे के खिलाफ अमानवीय बर्ताव करते थे। इन बर्तावों को रोकने के लिए न तो कोई कानून था न देशों के बीच कोई संधि।

युद्ध के दौरान हो रहे इन अमानवीय अत्याचारों के गवाहों में एक एक्टिविस्ट हेनरी डुनेंट भी थे। 1859 में हेनरी ने इटली के सोलफिरेनो में हुए युद्ध में इस भयावहता को देखा था। इस युद्ध में 40 हजार सैनिक मारे गए थे, इनमें से कई तड़प-तड़पकर मर गए और उन्हें कोई मेडिकल सहायता नहीं मिली। हेनरी ने युद्ध के समय घायलों की मदद करने और अमानवीय व्यवहार रोकने के लिए देशों के बीच एक संधि की जरूरत पर जोर दिया।

22 अगस्त 1864 को 12 देशों के बीच युद्ध क्षेत्र में घायल सैनिकों की स्थिति में सुधार के लिए जिनेवा के एक होटल में एक संधि पर हस्ताक्षर किए गए। इसे ही पहला जिनेवा कन्वेंशन कहा जाता है। 22 अगस्त 1864 को ही इंटरनेशनल रेड क्रॉस सोसायटी की आधिकारिक स्थापना हुई।

हेनरी डुनेंट।

हेनरी डुनेंट स्विट्जरलैंड के थे इसलिए उनके सम्मान में रेड क्रॉस सोसायटी के झंडे को स्विट्जरलैंड के झंडे के रंग को उलटकर बनाया गया। स्विट्जरलैंड के झंडे में लाल बैकग्राउंड पर सफेद रंग का क्रॉस है। रेड क्रॉस के झंडे को सफेद बैकग्राउंड पर लाल रंग के क्रॉस से बनाया गया।

इस झंडे का इस्तेमाल युद्ध के दौरान मेडिकल सहायता देने वाले करते हैं। युद्ध मैदान में कहीं भी इस झंडे को देखकर दुश्मन देश समझ जाता है कि यहां मेडिकल कैंप है।

अपनी स्थापना के बाद से ही रेड क्रॉस अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत युद्ध में घायल सैनिकों, आम लोगों और युद्धबंदियों के अधिकारों के संरक्षण की कोशिश करता है।

शांति के प्रयासों के लिए 1901 में हेनरी डुनेंट को फ्रेडरिक पैसी के साथ पहला नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया। 1917 और 1944 में विश्वयुद्ध के दौरान किए गए अपने मानवीय प्रयासों की वजह से रेड क्रॉस को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

1639: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई का आज स्थापना दिवस

आज तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई का 382वां स्थापना दिवस है। 22 अगस्त 1639 को ईस्ट इंडिया कंपनी के फ्रांसिस डे ने विजयनगर के राजा वेंकट राय से कोरोमंडल तट के पास करीब 3 किलोमीटर की जमीन को लीज पर लिया था। इसी जगह पर अंग्रेजों ने सेंट जॉर्ज फोर्ट बनवाया था, जो फिलहाल तमिलनाडु का विधानसभा भवन है। इसे भारत में अंग्रेजों द्वारा निर्मित पहला किला भी कहा जाता है।

उस समय मद्रास में कॉटन बुनाई का खूब काम होता था। अंग्रेजों ने इस फोर्ट के आसपास स्थानीय बुनकरों को बसाने का काम शुरू किया। 1801 तक मद्रास ब्रिटिशर्स की आर्थिक और प्रशासनिक राजधानी बन गई थी। 17 जुलाई 1996 को मद्रास का नाम बदलकर चेन्नई कर दिया गया।

सेंट जॉर्ज फोर्ट।

हालांकि, ये आधुनिक मद्रास की स्थापना थी, लेकिन मद्रास शहर का इतिहास सदियों पुराना है। मद्रास को पहले मद्रासपटनम कहा जाता था। यहां चोला, पल्लव और पंड्या राजाओं का शासन रहा था। 1522 में यहां पुर्तगाली आए जिन्होंने एक पोर्ट बनाया और इसे साओ टोम नाम दिया गया।

1612 में यहां डच लोग आए जिन्होंने चेन्नई के उत्तर में पुलिकट में अपना बेस बनाया। डच लोगों के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने मद्रास को अपनी आर्थिक और प्रशासनिक राजधानी बनाया।

1932: इंग्लैंड में एक्सपेरिमेंटल टीवी ब्रॉडकास्टिंग की शुरुआत

22 अगस्त 1932 को BBC ने पहली बार एक्सपेरिमेंटल टीवी प्रोग्राम को ब्रॉडकास्ट किया था। इस पूरे सिस्टम को इलेक्ट्रिकल इंजीनियर जॉन लॉगी बेयर्ड ने डिजाइन किया था। इस प्रोग्राम में बेयर्ड खुद भी स्क्रीन पर आए थे। ये तो पता नहीं कि कितने दर्शक इस प्रोग्राम को देख रहे थे, लेकिन दर्शकों के लिए जू-जित्सु, पेंटिंग और सी-लॉयन भी स्क्रिन पर दिखाए गए थे। इस प्रोग्राम में बेयर्ड ने बीबीसी को धन्यवाद देते हुए कहा कि ये अब तक का सबसे बढ़िया टीवी ब्रॉडकास्ट है।

अपने मैकेनिकल ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम के साथ जॉन बेयर्ड।

हालांकि बेयर्ड के इस ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम को बीबीसी ने जल्द ही इस्तेमाल करना बंद कर दिया। 1936 में बीबीसी ने इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से ब्रॉडकास्टिंग की शुरुआत की।

22 अगस्त के दिन को इतिहास में किन-किन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से याद किया जाता है…

2017: सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैरकानूनी ठहराया।

1979: प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने लोकसभा भंग की।

1963: अमेरिकी एयरफोर्स के जोसेफ वॉकर हायपरसोनिक रॉकेट X-15 से अंतरिक्ष की उड़ान भरी। इसी के साथ जोसेफ दो बार अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले शख्स बन गए।

1865: लिक्विड सोप के लिए विलियम शेपार्ड को पेटेंट मिला।

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