आज का इतिहास:गांधी-अंबेडकर के बीच पुणे की यरवदा जेल में हुआ था पूना पैक्ट,
इस समझौते के बाद खत्म हुआ दलितों को 2 वोट का अधिकार
दलितों के उत्थान के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर हमेशा से प्रयासरत थे। उनकी कोशिश का ही नतीजा था कि 1909 में भारत सरकार अधिनियम के तहत अछूत समाज के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया। 16 अगस्त 1932 को ब्रिटिश सरकार ने कम्युनल अवॉर्ड की शुरुआत की। इसमें दलितों के साथ-साथ कई समुदायों को भी अलग निर्वाचन क्षेत्र का अधिकार मिला। इसके साथ ही दलितों को 2 वोट का अधिकार भी मिला। दो वोट के अधिकार के मुताबिक देश के दलित एक वोट से अपना प्रतिनिधि चुन सकते थे और दूसरे वोट से वो सामान्य वर्ग के किसी प्रतिनिधि को चुन सकते थे।
इसका महात्मा गांधी ने विरोध किया। गांधी जी का मानना था कि अलग निर्वाचन क्षेत्र और दो वोट के अधिकार से हिंदू समाज बंट जाएगा। गांधी जी ने विरोध में ब्रिटिश सरकार को कई पत्र लिखे, लेकिन सुनवाई नहीं होने पर पुणे की यरवदा जेल में अनशन पर बैठ गए।
एक तरफ गांधी जी इसके विरोध में थे, वहीं दूसरी तरफ अंबेडकर का मानना था कि दलितों को दो वोट का अधिकार उनके विकास में बड़ा कदम साबित होगा। अनशन की वजह से गांधी जी की तबीयत बिगड़ने लगी। लोगों में अंबेडकर के खिलाफ नाराजगी बढ़ने लगी। आखिरकार अंबेडकर को झुकना पड़ा।
बाबा साहेब 24 सितंबर 1932 को पुणे की यरवदा जेल पहुंचे। यहां गांधी जी और अंबेडकर के बीच समझौता हुआ, जिसे पूना पैक्ट कहा जाता है। इस समझौते से दलितों के लिए अलग निर्वाचन और दो वोट का अधिकार खत्म हो गया। हालांकि इसके बाद दलितों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ाई गई।
1948: होंडा मोटर कंपनी की स्थापना हुई
1948 में आज ही के दिन दुनिया की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी होंडा की शुरुआत हुई थी। जापान में जन्मे सोइचिरो होंडा ने इसे शुरू किया था। होंडा के पिता लोहार का काम करते थे और मां एक बुनकर थीं। 15 साल की उम्र में ही होंडा काम की तलाश में अपना घर छोड़कर टोक्यो चले गए थे।
कंपनी की बनाई साइकिल बाइक के साथ होंडा के कर्मचारी।
सोइचिरो बचपन में अपने दोस्त के गैरेज में काम करते थे। इस वजह से उन्हें गाड़ियों का शौक था। उनके काम की वजह से कार निर्माता कंपनी टोयोटा ने उन्हें पिस्टन के रिंग बनाने का काम दिया, लेकिन सोइचिरो के बनाए रिंग कंपनी की गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे। उसके बाद उनसे ये काम छीन लिया गया। इसके बाद सोइचिरो ने अलग-अलग फैक्ट्रियों में जाकर रिंग बनाने की प्रॉसेस सीखी और टोयोटा ने उन्हें दोबारा रिंग बनाने का काम सौंपा। रिंग बनाने की सोइचिरो की कंपनी को बाद में टोयोटा ने खरीद लिया था।
दूसरा विश्वयुद्ध सोइचिरो के लिए मुसीबत भी लेकर आया और मौका भी। विश्वयुद्ध की वजह से कंपनी को खासा नुकसान हुआ, लेकिन इस समय गाड़ियों के इंजन सस्ती कीमतों में मिल रहे थे। इसलिए सोइचिरो ने कई इंंजन खरीदे। इन इंजन से उन्होंने कस्टमाइज्ड साइकिल बनानी शुरू की। इसके बाद कंपनी चल निकली। सस्ती कीमत और बढ़िया क्वालिटी की वजह से 1964 में होंडा दुनिया की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी बन गई।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 24 सितंबर के दिन हुईं कुछ अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं…
2013ः पाकिस्तान के बलूचिस्तान में 7.7 तीव्रता के भूकंप से 515 लोगों की मौत।
2008ः मद्रास हाईकोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी और दो अन्य दोषियों की समय पूर्व रिहाई सम्बन्धी याचिका खारिज की।
2008ः क्रिकेटर कपिल देव को थलसेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर ने प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद पदवी प्रदान की।
2008ः चीन और नेपाल ने दूरसंचार के क्षेत्र में एक अहम अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
2007ः म्यांमार की सैन्य सरकार के खिलाफ राजधानी यांगून में एक लाख से अधिक लोग सड़कों पर उतरे।
2005ः आई.ए.ई.ए. ने ईरानी परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे को सुरक्षा परिषद को सौंपने का निर्णय लिया।
2003ः फ्रांस के राष्ट्रपति जैक शिराक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन किया।
1996ः अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर किए।
1990ः पूर्वी जर्मनी ने खुद को वारसा संधि से अलग किया।
1979ः घाना ने संविधान अपनाया।
1978ः पूर्व सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।
1971ः ब्रिटेन ने जासूसी के आरोप में 90 रूसी राजनयिकों को निष्कासित किया।
1968ः दक्षिण अफ्रीकी देश स्वाजीलैंड संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ।
1965ः यमन को लेकर सऊदी अरब और मिस्र के बीच समझौता।
1950ः पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी मोहिन्दर अमरनाथ का जन्म।
1932ः बंगाल की क्रांतिकारी राष्ट्रवादी प्रीतिलता वाडेदार देश की आजादी के लिए प्राण न्यौछावर करने वाली पहली महिला बनीं।
1688ः फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।