आज का इतिहास: दारा शिकोह

362 साल पहले औरंगजेब ने अपने बड़े भाई दारा शिकोह का सिर कलम कर दिया था, RSS भी शिकोह को एक आदर्श मुसलमान मानता है

भारत के इतिहास में एक योद्धा और एक कवि के तौर पर दारा शिकोह का अपना महत्व है। यहां तक कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी उन्हें एक आदर्श मुसलमान मानता आया है। दारा शिकोह ने गीता और 52 उपनिषदों का पहली बार संस्कृत से फारसी में अनुवाद किया था। इसके बाद ही पूरी दुनिया भारतीय सनातन संस्कृति से रूबरू हुई थी। जनवरी 2020 में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने दारा शिकोह की कब्र तलाशने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सात सदस्यीय टीम बनाई थी। माना जाता है कि दारा शिकोह की कब्र हुमायूं का मकबरा परिसर में 140 कब्रों में से एक है।

पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम में शामिल एक सदस्य केके मुहम्मद ने दारा शिकोह को अपने समय का महानतम मुक्त विचारक कहा है। उनके अनुसार दारा शिकोह को उपनिषद का महत्व समझ आया और उन्होंने उसका अनुवाद किया। तब तक उसकी जानकारी सिर्फ उच्च जातियों के हिंदुओं को ही थी। पारसी में अनुवाद होने के बाद ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत कई लोगों को उसने प्रेरित किया।

भाई औरंगजेब ने दारा का सिर काटकर आगरा के किले में लटका दिया था
शाहजहां के बाद दारा शिकोह दिल्ली की गद्दी के उत्तराधिकारी थे। दारा पर कट्‌टरपंथियों ने बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) होने का आरोप लगाया। इसका फायदा उठाकर औरंगजेब ने विद्रोह किया और खुद बादशाह बन गया। 30 अगस्त, 1659 को दिल्ली में दारा शिकोह को मौत की सजा दी गई। दारा का सिर काटकर आगरा ले जाया गया और धड़ को दिल्ली में हुमायूं के मकबरे के परिसर में दफनाया गया था। मुगलकाल में दारा के अलावा ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलता, जिसमें किसी मुगल शहजादे का सिर कलम कर सिर्फ धड़ दफनाया गया हो।

मॉस्को-वॉशिंगटन के बीच मध्यस्थ बना रेड फोन
वॉशिंगटन और मॉस्को को जोड़ने वाली हॉटलाइन पर पहला टेक्स्ट मैसेज 30 अगस्त 1963 को भेजा गया था। यह मैसेज था- “The quick brown fox jumped over the lazy’s dog’s back 1234567890.’ उस समय रूस और अमेरिका में युद्ध की परिस्थिति बन रही थी।

शाब्दिक बातचीत से होने वाली गलतफहमी टालने के लिए लिखित संदेश भेजने के लिए टेलीटाइप और टेलीग्राफ टर्मिनल का इस्तेमाल होता था। अमेरिकी टर्मिनल पेंटागन में था। हैरानी की बात यह है कि रेड फोन नाम की कोई चीज इस सिस्टम में नहीं है। आखिरी बार बराक ओबामा ने इस सिस्टम का इस्तेमाल किया और रूस को 2016 के चुनावों में हैकिंग को लेकर आगाह किया था।

संविधान प्रारूप समिति के बाकी सदस्यों के साथ डॉक्टर अंबेडकर (बीच में बैठे हुए)

बीआर अंबेडकर बने संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष
आज हमारी पहचान बन चुके भारत के संविधान से आज की तारीख का खास संबंध है। संविधान सभा ने 29 अगस्त 1947 को सात सदस्यों की संविधान प्रारूप समिति बनाई थी। इसके अगले दिन यानी 30 अगस्त 1947 को समिति के सदस्यों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को समिति का अध्यक्ष बनाया था। समिति ने दो साल का वक्त लेकर संविधान का प्रारूप तैयार किया। इसे 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा के सामने पेश किया गया। बाद में 26 जनवरी 1950 को यह लागू हुआ और हमारा देश गणतंत्र बना।

आज लघु उद्योग दिवस
हर साल 30 अगस्त को लघु उद्योग दिवस मनाया जाता है। लघु उद्योग दिवस लघु उद्योगों को बढ़ावा देने और बेरोजगार को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मनाया जाता है। भारत जैसे विकासशील देश के आर्थिक विकास में लघु उद्योगों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

इतिहास में आज के दिन को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता हैः-

1559: महान सम्राट अकबर के बेटे और मुगल वंश के शासक जहांगीर का जन्म।1682: ब्रिटिश धर्मसुधारक विलियम पेन को इंग्लैंड छोड़ना पड़ा। वे अमेरिका पहुंचे। वहां पेनसिल्वेनिया की स्थापना की ताकि लोग धार्मिक तौर पर स्वतंत्र हो सकें।1806: न्यूयॉर्क शहर का दूसरा दैनिक समाचार पत्र “डेली एडवर्टाइजर” आखिरी बार प्रकाशित किया गया।1888: क्रांतिकारी कनाईलाल दत्त का जन्म हुआ, जो भारत की आजादी के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए।1928: रास बिहारी बोस और जवाहरलाल नेहरू ने द इंडिपेंडेंस ऑफ इंडिया लीग की भारत में स्थापना की। इसका मकसद प्रवासी भारतीयों को भारत में ब्रिटिश राज हटाने के लिए प्रेरित करना था।1984: अंतरिक्ष यान “डिस्कवरी” ने पहली बार उड़ान भरी थी।2007: जर्मनी के दो वैज्ञानिकों गुंटर निमित्ज और आल्फोंस स्टालहोफेन ने अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को गलत ठहराने का दावा किया।

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