आज का इतिहास: 9/11
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से पहला विमान टकराया तो लोगों को लगा ये कोई हादसा है, 18 मिनट बाद दूसरा टकराया तब आतंकी हमले का पता चला
11 सितंबर, 2001। दिन-मंगलवार। किसी आम दिन की तरह अमेरिकी लोग सुबह उठकर अपने काम पर जा चुके थे। न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में भी करीब 18 हजार कर्मचारी अपने-अपने कामों में लगे थे। ये बिल्डिंग न्यूयॉर्क की एक प्रमुख ट्रेड सेंटर थी। यहां बड़ी-बड़ी कंपनियों के ऑफिस थे जिनमें हजारों लोग काम करते थे और इतने ही लोगों का आना-जाना लगा रहता था।
तभी 8 बजकर 45 मिनट पर बोइंग 767 तेज रफ्तार से वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टॉवर से जा टकराया। सैकड़ों लोग मारे गए और इतने ही लोग आग और धुएं के बीच कैद होकर रह गए। अभी तक पूरी दुनिया इसे एक हादसा समझ रही थी।
18 मिनट बाद एक दूसरा बोइंग 767 बिल्डिंग के साउथ टॉवर से जा टकराया। बिल्डिंग में आग लग गई और कई लोग मारे गए। अब ये साफ हो चुका था कि ये हादसा नहीं बल्कि आतंकवादी हमला था।
19 आतंकियों ने 4 विमान हाइजैक किए थे। 2 विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टॉवरों से टकरा गए। तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन से टकराया। पेंटागन में 184 लोग मारे गए। चौथा विमान शेंकविले में एक खेत में क्रैश हुआ था।
विमान टकराने के बाद पेंटागन पूरी तरह तहस-नहस हो गया।
इसे मानव इतिहास का सबसे भीषण आतंकी हमला माना जाता है। हमले में 93 देशों के करीब 3000 लोग मारे गए। हाइजैकर्स में 15 सऊदी अरब के थे, जबकि बाकी यूएई, मिस्र और लेबनान के थे। इस हमले के बाद ही अलकायदा का चीफ ओसामा बिन लादेन दुनिया का मोस्ट वांटेड आतंकी बन गया। अमेरिका ने लादेन को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए 2.5 करोड़ डॉलर का इनाम रखा था। आखिरकार, 2 मई 2011 में अमेरिका ने सीक्रेट मिशन में पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपकर रह रहे लादेन को मार गिराया।
1893: जब विवेकानंद ने धर्म संसद में कहा- सिस्टर्स एंड ब्रदर्स ऑफ अमेरिका
11 सितंबर 1893 को विश्व धर्म सम्मेलन हुआ था। उसमें स्वामी विवेकानंद ने जैसे ही “सिस्टर्स एंड ब्रदर्स ऑफ अमेरिका” कहकर अपना भाषण शुरू किया, पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। यह पहला मौका था, जब पश्चिम का सामना पूरब के धर्माचार्य से हो रहा था। उस समय पश्चिमी देशों के सामने भारतीय संस्कृति, अभ्यास और दर्शन नया-नया ही था। विवेकानंद के इस बहुचर्चित भाषण ने भारत की छवि को नया आयाम दिया।
शिकागो के धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद।
स्वामी विवेकानंद ने अपने भाषण में सांप्रदायिकता, धार्मिक कट्टरता और हिंसा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिकता और कट्टरता लंबे समय से धरती को शिकंजे में जकड़े हुए है और इससे धरती पर हिंसा बढ़ गई है। कई बार धरती खून से लाल हुई है। कितनी ही सभ्यताओं का विनाश हुआ है। न जाने कितने देश नष्ट हुए हैं। उन्होंने अपने भाषण में सहनशीलता और सार्वभौमिकता का मसला भी उठाया था।
1906: दक्षिण अफ्रीका में गांधीजी का सत्याग्रह
1906 में दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने एक नया कानून बनाया। इस कानून में भारतीय मूल के लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया था। जोहान्सबर्ग में 11 सितंबर को ही हुई भारतवंशियों की एक बैठक में इसका विरोध हुआ। इसमें गांधी जी ने विरोध के लिए अहिंसा का इस्तेमाल करने की पैरवी की।
दक्षिण अफ्रीका में नॉन वायलेंट रिसिस्टेंस मूवमेंट के लीडर्स के साथ गांधीजी।
यह संघर्ष सात साल चला। दक्षिण अफ्रीका में भी उस समय अंग्रेजों का शासन था और उन्होंने हजारों भारतीयों को हड़ताल, रजिस्ट्रेशन से इनकार करने, रजिस्ट्रेशन कार्ड जलाने और प्रदर्शन करने के लिए जेल भेज दिया था।
11 सितंबर के दिन को इतिहास में और किन-किन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से याद किया जाता है…
2007ः येरूशलम से सटे डेविड शहर में लगभग 2000 साल पुरानी सुरंग का पता लगा।
2006ः पेस और डेम की जोड़ी ने अमेरिकी ओपन का युगल खिताब जीता।
2005ः गाजा पट्टी में 38 सालों से जारी सैन्य शासन समाप्त करने की घोषणा।
2003ः चीन के विरोध के बावजूद तिब्बत के धार्मिक नेता दलाई लामा से अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश मिले।
1996ः राष्ट्रमंडल संसदीय संघ में पहली बार महिला अध्यक्ष निर्वाचित।
1973ः चिली के राष्ट्रपति साल्वाडोर अलांदे का सैन्य तख्तापलट।
1971ः मिस्र में संविधान को स्वीकार किया गया।
1968ः एयर फ्रांस का विमान संख्या 1611 नाइस के निकट दुर्घटनाग्रस्त। हादसे में 89 यात्रियों और चालक दल के छह सदस्यों की मौत।
1965ः भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने दक्षिण पूर्वी लाहौर के निकट बुर्की शहर पर कब्ज़ा किया।
1961ः विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की स्थापना।
1951ः इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने वाली पहली महिला बनी फ्लोरेंस चैडविक। उन्हें इंग्लैंड से फ्रांस पहुंचने में 16 घंटे और 19 मिनट लगे।
1941ः अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का निर्माण शुरू हुआ।
1939ः इराक और सऊदी अरब ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।