हिसार : नया सिस्टम ईजाद, अब फोन से खोले जा सकेंगे दरवाजे, रही पूरी रिर्काडिंग

हिसार। गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार के इंजीनियर सरदूल सिंह ने एक खास सिस्टम ईजाद किया है। इस सिस्टम के तहत अपने फोन से ही कहीं से भी अपने दरवाजों को खोल या बंद कर सकते हैं। सीसीटीवी कैमरे की भी अलग से कोई जरुरत नहीं होगी। इस सिस्टम में ही कैमरे स्थापित होंगे।
जी हां, गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के इलैक्ट्रोनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर सरदूल सिंह को ‘स्मार्ट डोर लॉक सिक्योरिटी सिस्टम’ में आस्ट्रेलियन पेटेंट मिला है। उनके साथ विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रो. राकेश धर, दीनबंधू छोटू राम विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के सहायक प्रो. डा. सुरेंद्र दुहन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी नागालैंड के डा. कमलकांत कश्यप तथा शोधार्थी सत्यदेव, प्रदीप व अतुल भी इस पेटेंट में शामिल हैं। इंजी. सरदूल सिंह ने बताया इस सिस्टम को कलाऊड नेटवर्किंग से जोड़ा गया है। घर में आने वाले या आने का प्रयास करने वाले व्यक्ति की पूरी रिकाडिंग रखी जा सकेगी। यदि कोई बाहरी व्यक्ति घर के अंदर आता है या आने का प्रयास करता है तो उसके फिंगर प्रिंट का रिकार्ड भी रहेगा। साथ ही उस व्यक्ति की तस्वीर भी रिकार्ड हो जाएगी।
इंजीनियर सरदूल सिंह के अनुसार कई बार छोटे बच्चे अंदर से दरवाजा बंद कर लेते हैं। वे दरवाजा खोल नहीं सकते। इस सिस्टम के स्थापित होने के बाद फोन से दरवाजे को बाहर से ही खोला जा सकेगा। यदि गलती से घर का दरवाजा बंद करना भूल जाते हैं तो आप याद आने पर अपने मोबाइल से कहीं से भी अपना दरवाजा बंद कर सकते हैं। भूलने की बीमारी के कारण कई बार बुजुर्ग घर से निकल जाते हैं। अगर किसी के घर में ऐसा कोई बुजुर्ग या व्यक्ति है तो संबंधित व्यक्ति को यह पता चल सकेगा कि घर का कौन सा दरवाजा खोला गया है। इंजीनियर सरदूल सिंह को हॉल में ही दो और भी आस्ट्रेलियन पेटेंट मिले थे। इनमें से स्मार्ट सेनेटाइजेशन सिस्टम तथा दूसरा ऑटोमैटिक पार्किंग से संबंधित था।
इंजीनियर सरदूल सिंह ने बताया कि एक बार उनके बच्चों ने अंदर से घर का दरवाजा बंद कर लिया था। बच्चे छोटे थे कुर्सी पर चढ़कर दरवाजा बंद तो कर लिया था, लेकिन कुर्सी के अचानक टूट जाने के बाद बच्चे दरवाजा खोल नहीं पाए थे। लगभग ढ़ाई घंटे बाद आखिर दरवाजा तोड़ना पड़ा था। तभी से यह आइडिया उनके दिमाग में आया था कि वे कोई ऐसा सिस्टम स्थापित करेंगे कि इस प्रकार की समस्या का स्थायी समाधान हो सके।

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