हाईकोर्ट की फटकार के बाद वनाग्नि को रोकने के लिये गठित की उच्चस्तरीय कमेटी
नैनीताल, उच्च न्यायालय की फटकार के बाद वन विभाग नींद से जागा और विभाग ने वनों में लगी आग की घटनाओं को रोकने एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की सिफारिशों को लागू करने के लिये एक छह सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
प्रमुख वन संरक्षक डीजेके शर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार शाम को गठित इस कमेटी में अपर प्रमुख वन संरक्षक डा. कपिल कुमार जोशी (सदस्य सचिव), मुख्य वन संरक्षक ईको टूरिज्म एवं प्रचार बीके गांगटे, मुख्य वन संरक्षक अनुश्रवण, मूल्यांकन (आईटी) नरेश कुमार, मुख्य वन संरक्षक मानव संसाधन विकास मनोज चंद्रन एवं मुख्य वन संरक्षक, वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन मान सिंह को बतौर सदस्य नियुक्त किया गया है।
कमेटी को दो सप्ताह मेें रिपोर्ट देने को कहा गया है। प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरि की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपाल एवं एनजीटी द्वारा पूर्व में जारी सिफारिशों के अनुपालन को लेकर कमेटी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। साथ ही कमेटी वनाग्नि सुरक्षा कार्य की रणनीति को उच्चीकृत करने को लेकर भी सुझाव पेश करेगी।
ये भी पढ़ें-जौनपुर में मतदान के मद्देनजर जिले को बांटा गया 6 सुपर जोन में
पत्र में आगे कहा गया है कि कमेटी एनजीटी द्वारा वर्ष 2016 और 2018 के मध्य दिये गये निर्देशों व केन्द्र सरकार की ओर से वनाग्नि को लेकर जारी राष्ट्रीय सुरक्षा योजना व राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) द्वारा निर्मित्त फारेस्ट फायर मिटिगेशन प्लान 2021-22 का परीक्षण कर प्रगति रिपोर्ट पेश करेगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान की अगुवाई वाली खंडपीठ ने प्रदेश में जंगलों में आग की बढ़ रही घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका दायर की थी और विगत बुधवार को प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरि को अदालत में तलब किया था। तब अदालत ने इस मामले में गंभीर रूख अख्तियार करते हुए सरकार को सात मई तक रिपोर्ट पेश करने को कहा था। इस मामले में अगली सुनवाई 12 मई को होगी।