हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के आदेश पर लगी रोक हटाने से किया इंकार, जानिए क्या है मामला
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों को स्टूडेंट्स सोसायटी फंड से वेतन देने के दिल्ली सरकार के आदेश पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया है। जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने सभी 12 कॉलेजों को तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने स्टूडेंट्स सोसायटी फंड से वेतन देने के दिल्ली सरकार के आदेश पर लगी रोक को हटाने की मांग की। दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली इन कॉलेजों के पास काफी पैसा पड़ा हुआ है लेकिन कोर्ट के आदेश की वजह से सरकार को इन कॉलेजों को फंड रिलीज करना पड़ा। तब कोर्ट ने कहा कि इन कॉलेजों का पक्ष सुने बिना हम रोक के आदेश को नहीं बदल सकते हैं।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पिछले 5 नवंबर को इन 12 कॉलेजों को नोटिस जारी करके कहा था कि दिल्ली सरकार और दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के खेल के चलते शिक्षकों और कर्मचारियों को परेशान होने नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया था कि वे संबंधित कॉलेजों को भी पक्षकार बनाएं। कोर्ट ने कहा था कि संबंधित कॉलेजों का पक्ष सुनने के बाद ही कोई आदेश पारित किया जाएगा। कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली युनिवर्सिटी सभी कॉलेजों की अभिभावक है। दिल्ली यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी है कि वो स्थिति को नियंत्रण में रखें और समस्या को सुलझाएं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन ने दायर याचिका में कहा है कि स्टूडेंट्स सोसायटी फंड का इस्तेमाल शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए नहीं किया जा सकता है। पिछले 16 अक्टूबर को दिल्ली सरकार ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों को निर्देश दिया था कि वे शिक्षकों और स्टाफ को स्टूडेंट्स सोसायटी फंड से वेतन दें। दिल्ली सरकार इन 12 कॉलेजों का सौ फीसदी वित्तपोषण करती है।
दिल्ली सरकार की ओर से सौ फीसदी वित्तपोषित कॉलेजों में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज, शहीद राजगुरु कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज, आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, केशव महाविद्यालय, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, महर्षि वाल्मिकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन और भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ अप्लायड सायंस शामिल हैं।