हाईटेक खेती, अब ड्रोन करेगा खेतों में कीटनाशक का छिड़काव

मेरठ. आमतौर पर ड्रोन कैमरा का उपयोग सुरक्षा की दृष्टि से किया जाता है. लेकिन अब ड्रोन टेक्नोनलॉजी का प्रयोग किसानों की फसल का भी सुरक्षा कवच बनेगा. ड्रोन के ज़रिए किसानों की फसल पर निगरानी रखी जा सकेगी. किसानों की फसल पर कीटनाशक का छिड़काव भी हो सकेगा. मेरठ के सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय ने अनूठा प्रयोग किया गया. यहां फसलों की ड्रोन के ज़रिए निगरानी और छिड़काव का डेमो किया गया. सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर का कहना है कि ड्रोन किसानों के लिए वरदान बनेगा.

कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर आरके मित्तल का कहना है कि इससे किसानों की फसल सुरक्षित रहेगी. और अऩ्नदाता कीटनाशक का छिड़काव भी ड्रोन के ज़रिए कर सकेंगे. वाइस चांसलर का कहना है कि आमतौर पर कीटनाशक का छिड़काव फसल पर करने में कई कई दिन लग जाया करते थे. लेकिन अब ड्रोन उड़ेगा और फसल पर कीटनाशक का छिड़काव मिनटों में हो सकेगा. ड्रोन की कीमत साढ़े छह लाख रुपए से लेकर बीस लाख रुपए तक है. इसे एक बीघे से लेकर 50 बीघे तक की फसल के लिए उपयोग किया जा सकता है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना हबै कि बहुत जल्द इसका प्रैक्टिल यूज़ शुरू हो जाएगा.

ये प्रयोग किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी सहायक होगा

साइंटिस्ट का कहना है कि ये प्रयोग किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा. और किसान सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर भी ड्रोन खरीद सकते हैं. कृषि विश्वविद्यालय में पढने वाले छात्र भी  ऐसी हाईटेक व्यवस्था देखकर उत्साहित दिखे. विद्यार्थियों का कहना है कि ऐसी हाईटेक खेती देखकर नई पीढ़ी खेती किसानी में अपना भविष्य तलाशेगी. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि हाईटेक टेक्नोलॉजी वाले ड्रोन से फसल का सर्विलांस किया जा सकेगा. जिससे फसलों की बीमारी का पता लग सकेगा. और चंद क्षणों में मालूम हो जाएगा कि फसल में बीमारी कहां है. जिससे बीमारियों की रोकथाम सुलभ हो जाएगी.

हाॅर्टिकल्चर क्रॉप के लिए ड्रोन वरदान 

ख़ासतौर से हॉर्टिकल्चर क्रॉप के लिए ड्रोन वरदान साबित होगा. क्योंकि आम या लीची के पेड़ पर कीड़े कहां लगे हैं इसका पता लगाना किसानों के लिए बेहद मुश्किल होता था.लेकिन अब ड्रोन टेक्नोलॉजी से इसका पता चंद लम्हों में चल जाएगा. वैज्ञानिकों का कहना है कि छिड़काव किसानों को ख़ुद करना था जिससे उन्हें भी परेशान होती थी. वो बीमार भी पड़ जाते थे. लेकिन ड्रोन टेक्नोलॉजी से होने वाला छिड़काव किसानों की सेहत भी दुरुस्त रखेगा. वैज्ञानिकों ने बताया कि जब टिड्डियों के दल का हमला हुआ था तब ड्रोन को लेकर जागृति हुई थी. ड्रोन टेक्नोलॉजी का डेमो यूपी में पहली बार किया गया है. लेकिन बहुत जल्द ये टेक्नोलॉजी गांव गांव दिखे इसके लिए प्रयास किए जाएंगे.

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