“अरे! कुछ तो दे दो”,Om Birla ने बीच में रोका, तो Dharmendra Yadav ने दिया ये जवाब. . . .

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) ने उन्हें बीच में रोका. हालांकि, फिर धर्मेंद्र यादव ने बीजेपी सरकार द्वारा पिछले 10 सालों में किए गए कामों पर सवाल खड़ा कर दिया

नई दिल्ली, 01 अगस्त 2024: सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने लोकसभा में रेल बजट पर तीखा हमला किया

आज 1 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में लोकसभा की सत्र में सपा (समाजवादी पार्टी) के लोकसभा सांसद धर्मेंद्र यादव ने रेल बजट पर चर्चा के दौरान एक महत्वपूर्ण और तीखा भाषण दिया। उनकी बातों ने सदन में हलचल मचा दी और इससे जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें सामने आईं।

धर्मेंद्र यादव ने अपनी बात की शुरुआत करते हुए पहले रेल बजट में की गई घोषणाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में रेलवे के क्षेत्र में कई घोषणाएं की गईं, लेकिन उन घोषणाओं का कितना असर और कार्यान्वयन हुआ, यह एक बड़ा सवाल है। यादव ने विशेष रूप से पिछले कुछ सालों की प्रमुख योजनाओं की ओर इशारा करते हुए दावा किया कि कई योजनाएं कागजों तक ही सीमित रह गई हैं और उन पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।

उनकी बातों के बीच ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें बीच में ही रोका। बिरला ने सदन की कार्यवाही को सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए यादव को निर्देशित किया कि वे अपनी बात को संक्षिप्त और विषय के अनुरूप रखें। इस बीच, धर्मेंद्र यादव ने खुद को रोकते हुए बीजेपी सरकार के पिछले 10 सालों के कार्यकाल पर सवाल उठाना जारी रखा।

धर्मेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने पिछले एक दशक में रेलवे के क्षेत्र में जो बड़े-बड़े दावे किए थे, उनमें से अधिकांश का कोई ठोस आधार नहीं था। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जब रेलवे के लिए इतनी घोषणाएं की गईं, तो फिर उन्हें लागू करने में क्यों इतनी दिक्कतें आईं। यादव ने उदाहरण देते हुए कहा कि कई नई ट्रेनों की घोषणाएं की गईं, लेकिन इन ट्रेनों की सेवाएं वास्तव में शुरू नहीं हो पाईं। इसके साथ ही, उन्होंने सुरक्षा और सुविधाओं की कमी की ओर भी इशारा किया, जो रेलवे के संचालन में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।

यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार की योजनाओं में ज्यादातर योजनाएं या तो आधी-अधूरी रह गईं या फिर समय पर पूरी नहीं हुईं। उन्होंने रेलवे के आधुनिकीकरण और बेहतर सेवाओं के लिए किए गए वादों की तुलना करते हुए कहा कि वास्तव में रेलवे की स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं आया है।

धर्मेंद्र यादव की इस तीखी आलोचना और सवालों ने सदन में एक नया विवाद खड़ा कर दिया। उनकी बातों ने न केवल सपा के दृष्टिकोण को उजागर किया, बल्कि बीजेपी सरकार की नीतियों पर भी गहराई से प्रश्न उठाए।

लोकसभा की कार्यवाही के दौरान, इस मुद्दे पर बहस जारी रही और दोनों पक्षों के बीच गर्मागरम चर्चा देखने को मिली। धर्मेंद्र यादव के आरोपों का जवाब देने के लिए बीजेपी के सांसदों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी और सरकार के कामों की उपलब्धियों का उल्लेख किया।

यह चर्चा इस बात को भी उजागर करती है कि रेलवे और अन्य सार्वजनिक सेवाओं में सुधार को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के दृष्टिकोण कितने अलग हो सकते हैं। आगामी सत्रों में इस मुद्दे पर और गहरी बहस और संभवतः कुछ ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।

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