कुत्तों का भारी आतंक, 13 साल के बच्चे को नोंचा
दिल्ली के वसंत कुंज के रंगपुरी पहाड़ी में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां कदम-कदम पर खूंखार आवारा कुत्ते घूम रहे हैं और मौका पाते ही बच्चों पर हमला कर देते हैं. रंगपुरी पहाड़ी में जहां 10 मार्च को कुत्तों के झुंड ने दो सगे भाइयों को नोचकर मार डाला था, उसी जगह पर सोमवार को कुत्तों के झुंड ने 13 साल के एक बच्चे को बुरी तरह से नोच डाला. गनीमत यह रही कि जब कुत्ते बच्चे को नोंच रहे थे, उसी दौरान उसके घरवाले मौके पर पहुंच गए और बच्चे को बचा लिया गया. अब बच्चे का इलाज किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि आसपास के जंगल में सैकड़ों खूंखार कुत्ते रहते हैं, लेकिन एमसीडी के अधिकारी इन कुत्तों को न तो यहां से हटाते हैं और न ही कोई ऐसा इंतजाम करते हैं, जिससे कि कुत्ते बच्चों पर हमला न करें.
रंगपुरी पहाड़ी में परिवार के साथ रहने वाले मकसूद के घर में पत्नी शबीना बीवी के अलावा उनके चार बच्चे भी हैं. सबसे बड़ा बेटा 13 वर्षीय सिराजुद्दीन सोमवार सुबह करीब 9 बजे घर के पास स्थित दुकान से सामान लेने जा रहा था. घर से कुछ कदम दूर 13-14 कुत्तों ने उसे घेर लिया और उसे नोंचने लगे.
चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और उसे बचाया. इस बीच सिराजुद्दीन के घर वाले भी मौके पर पहुंच गए. सिराजुद्दीन को बचाने पहुंचे लोगों ने देखा कि कई कुत्तों ने उसे घेर रखा था और उसे नोच रहे थे. सिराजुद्दीन की गर्दन, पीठ, हाथ, पैर और पेट पर करीब दर्जनभर निशान मिले हैं. घरवालों ने उसे अस्पताल पहुंचाया और इंजेक्शन, मरहम पट्टी कराने के बाद उसे घर ले आए.
इस इलाके में पिछले दिनों दो बच्चों को कुत्तों ने नोचकर मार डाला था. पवन और आदित्य नाम के दो भाइयों को कुत्तों ने नोचकर मार डाला था. हालांकि उस समय ऐसी भी आशंका व्यक्त की गई थी कि बच्चों की हत्या की गई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो गया था कि बच्चों की मौत कुत्तों के काटने से हुई है.
अभी उस घटना के बाद लोगों के मन से दहशत दूर भी नहीं हुई थी कि एक और वारदात हो जाने से इलाके के लोग डरे हुए हैं. लोगों की मांग है कि इस क्षेत्र से कुत्तों का आतंक खत्म करने के लिए एमसीडी और प्रशासन कार्रवाई करनी चाहिए.